कोरबा : कटघोरा में ATM में ठगी की वारदात.करंट लोकेशन के आधार पर सूरजपुर में घेराबंदी कर कटघोरा पुलिस ने लिया हिरासत में

कटघोरा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) :- एटीएम मशीन में छेड़छाड़ कर रकम उड़ाने वाला गिराेह शहर में भी सक्रिय हाे गया है. कटघोरा पुलिस ने एटीएम मशीन से छेड़छाड़ कर रकम उड़ाने के एक मामले की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू किया था. इस मामले में पुलिस ने सूरजपुर से एक शख्स को हिरासत में लिया है. दरअसल कटघोरा थाना क्षेत्र के पुरानी बस्ती दुर्गा मंदिर के पास एसबीआई का एटीएम मशीन है, जहां इस घटना काे अंजाम दिया गया और 10 हजार रुपए निकाल लिए गए.

एसबीआई बैंकाें से संबंधित एटीएम मशीनाें का मेंटनेंस करने वाले चन्द्र शेखर क्षीरसागर (34) ने इस मामले की शिकायत पुलिस से की थी, तब इसका खुलासा हुआ. प्रार्थी चंद्रशेखर के अनुसार कटघोरा के पुरानी बस्ती के पास स्थित एसबीआई एटीएम मशीन में 10 अगस्त की सुबह करीब 4:45 बजे किसी ने एटीएम में शटर टेम्परिंग कर 10 हजार रुपये नकदी रकम निकाल ली है. इसकी शिकायत तत्काल ब्रांच प्रबंधक से की गई जिन्होंने पुलिस को सूचना दी. सूचना के आधार पर पुलिस को ज्ञात हुआ कि उक्त वारदात को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के रहने वाले मो. राशिद अली पिता आबिद अली (34) ने अंजाम दिया है. सायबर ट्रेसिंग के दौरान आरोपी का करंट लोकेशन सूरजपुर नजर आया जिसके बाद एक टीम रवाना की गई और घेराबंदी कर आरोपी राशिद को हिरासत में लिया गया. उसके खिलाफ भादवि की धारा 380, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल कर दिया गया. जानकारी के अनुसार दो अन्य फरार है.

बताया जा रहा है कि पुलिस काे कोरबा शहर में भी एटीएम से इसी तरह से रकम निकालने की सूचनाएं मिल रही थी. एटीएम में लाेगाें के सहयाेग के नाम पर रकम उड़ाना, एटीएम बदलना, एटीएम ब्लाॅक हाेने का झांसा देकर ऑनलाइन ठगी का तरीका पुराना हाे गया है. लाेग जैसे-जैसे जागरूक हाे रहे हैं ठग और चाेर अपना तरीका भी बदल रहे हैं.

यह है मशीन से रकम उड़ाने का मॉर्डन तरीका.

ठग बैंक में फर्जी नाम पते पर देकर खाते तक खुलवाते हैं और एटीएम कार्ड हासिल कर लेते हैं. इसमें अकाउंट्स से कैश नहीं निकलता, लेकिन एटीएम से कैश निकल जाता है. इसमें एटीएम के ऑटोमेटिक डिपोजिट-विड्रॉल मशीन को टारगेट किया जाता है. इसमें ट्रांजेक्शन की पूरी प्रोसेस ताे हाेती है, लेकिन जब कैश निकलने वाला होता है तो अंतिम समय पर टाइमिंग देख कैश ट्रे के शटर को पिन, चाबी या उंगली से अटका देते हैं. कैश ट्रे में फंसे रुपए निकाल लेते हैं और बैंक को तुरंत पता नहीं चलता.