रायपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ): छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है. वर्तमान में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 5,500 के पार जा चुकी है. कोरोना केस के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए अब राजधानी रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में अमेरिकन कंपनी की तैयार की गई दवाई का इस्तेमाल किया जाएगा. कोरोना पॉजिटिव लोगों को ठीक करने के लिए अब नई दवा ‘रेमडेसिवीर’ (Remdesivir) का यूज किया जाएगा. इस बारे में ETV भारत की टीम ने कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉक्टर आर पंडा और डॉक्टर ओपी सुंदरानी से बात की.
प्रदेश में बीते 15 दिनों पहले से यह माना जा रहा था कि जो मरीज संक्रमित पाए जा रहे हैं, उनमें कोरोना के माइल्ड लक्षण थे या कुछ लोग एसिम्प्टोमैटिक थे. लेकिन अब लगातार बढ़ रहे आंकड़ों ने सभी को डरा दिया है. सामान्य मरीजों के साथ ही गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ रही है. अभी तक देश में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कोई भी वैक्सीन तैयार नहीं हुई है. ऐसे में सीरियस कोरोना केस और कोरोना से मौत के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य में ICMR की गाइडलाइन के मुताबिक एंटीवायरस इंजेक्शन ‘रेमडेसिवीर’ (Remdesivir) का प्रयोग किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग ने अंबेडकर अस्पताल के जरिए खरीदी की प्रक्रिया पूरी कर ली है. पहली खेप में लगभग 100 इंजेक्शन सप्ताह भर में मुंबई पहुंचेगी.
भारत की दो कंपनियां कर रहीं दवाईयों की सप्लाई
कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉक्टर आर पंडा ने बताया कि ICMR ने दो नई दवाईयों को स्वीकृति दी है, जिसे कोरोना मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. इन दवाईयों को मॉडरेट, गंभीर या ज्यादा गंभीर मरीजों को दिया जा सकता है. इन दो दवाइयों में एक रेमडेसिवीर है, जिसका प्रोडक्शन अमेरिका कर रहा है. डॉक्टर ने बताया कि भारत की दो कंपनियां हैं, जो इन दोनों दवाईयों की सप्लाई कर रही है.
डॉक्टर आर पंडा ने बताया कि ज्यादातर कोरोना के मरीज वो हैं, जो पहले से ही किसी बीमारी से ग्रसित हैं. इनमें ब्लड प्रेशर, शुगर, हार्ट प्राब्लम और किडनी प्रॉब्लम जैसी कई बीमारियों से पीड़ित मरीज शामिल हैं.
युवाओं को भी सतर्क रहने की जरूरत
डॉक्टर ओपी सुंदरानी ने बताया कि अब लगातार प्रदेश में गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ रही है. मेकाहारा की बात की जाए तो वर्तमान में यहां 15 गंभीर मरीज हैं. इनमें 13 लोग ऐसे हैं, जिन्हें पहले से कोई न कोई बड़ी बीमारी थी. जो दो पेशेंट हैं, वो ICU में वेंटिलेटर पर हैं. वे दोनों युवा हैं. एक 30 साल का मरीज है, जिसे कभी कोई बीमारी नहीं थी, लेकिन कोरोना से उसकी हालत बेहद क्रिटिकल है. वहीं दूसरी मरीज एक युवती है, जिसकी उम्र 30 साल की है. उसकी भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.
सावधानी बरतने की जरूरत
डॉक्टर सुंदरानी ने कहा कि ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें ये लग रहा है कि यह युवाओं में नहीं फैल रहा है या जिन्हें कोई बीमारी नहीं हैं उन्हें कोरोना नहीं होगा. तो ऐसे लोगों को सतर्क होकर रहने की जरूरत है. लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है.
डॉक्टर ओपी सुंदरानी ने वर्तमान में इस्तेमाल किए जा रहे दवाई के बारे में भी बताया. ये स्टेरॉयड (Steroid) है, जो आसानी से मिल रही है और सस्ती भी है. लेकिन इस दवाई का यूज सभी पेशेंट के लिए नहीं किया जा सकता. ये ज्यादा गंभीर मरीजों को दिया जाता है. डॉक्टर ने बताया कि इस दवाई से उन्होंने पीड़ितों को ठीक होते देखा है.
छत्तीसगढ़ में कम है मृत्यु दर
डॉक्टर सुंदरानी ने मृत्यु दर के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 0.4 फीसदी से भी कम है मोर्टैलिटी पर्सेंटेज है. लगातार क्रिटिकल मरीज आ रहे थे, जिनका इलाज लगातार किया जा रहा था, तो कहा जा सकता है कि कहीं न कहीं दवाईयों का इन मरीजों को ठीक करने में विशेष योगदान है.
लोगों को खुद की करनी होगी सुरक्षा
डॉक्टरों का कहना है कि रिकवरी रेट बढ़ने का मतलब ये बिलकुल नहीं है कि कई लोगों को कुछ होगा ही नहीं. प्रदेश में रिकवरी रेट 72 प्रतिशत है, लेकिन किसी एक व्यक्ति की भी अगर कोरोना से मौत होती है, तो भी यह बड़ी क्षति है. इसलिए लोगों को खुद को सुरक्षित रखने की जरूरत है.