चिरमिरी नगर निगम के गेल्हापानी में बुजुर्ग भाई-बहन टूटे हुए मकान में जीवन यापन करने को मजबूर है. मकान कभी भी गिर सकता है. लेकिन सुध लेने अब तक कोई नहीं पहुंचा.

कोरिया( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) साकेत वर्मा :–  जिले में दो दिनों से हो रही लगातार बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त है. वहीं चिरमिरी में टूटे हुए मकान में बुजुर्ग भाई बहन जीवन यापन करने को मजबूर है. मकान कभी भी गिर सकता है. लेकिन सुध लेने वाला अब तक कोई नहीं पहुंचा. करीब चार साल से भीख मांग कर बुजुर्ग जीवन यापन करते हैं. बेसहारा भाई बहन का अब राशन कार्ड भी नहीं बन सका है और ना ही केंद्र सरकार की आवास योजना का लाभ मिल सका. बुजुर्ग भाई-बहन चिरमिरी नगर निगम के वार्ड नं 9 में रहते हैं.

चिरमिरी नगर निगम के गेल्हापानी में रहने वाले दोनों बुजुर्ग त्रिलोक और संपा भाई बहन है. जब पहली बरसात में मकान का कुछ हिस्सा गिर गया, उस समय वार्ड पार्षद ने 32 सौ रुपए की मुआवजा राशि दिलाई थी. लेकिन दो दिनों से हो रही बरसात से मकान पूरी तरह ढह गया है. गिरे हुए मकान एक कमरे में दोनों बुजुर्ग जीवन यापन कर रहे हैं और भूखे रहने को मजबूर हैं. यहां आज तक कोई जनप्रतिनिधि या अधिकारी नहीं पहुंचा.

राशन कार्ड भी नहीं बना

बुजुर्ग कहते है कि ‘उनको यहां रहते लगभग 25 साल हो गए. उनका भाई कॉलरी में ड्यूटी करता था. उनका जीवन ठीक चलता था. लेकिन भाई के गुजर जाने के बाद स्थिति खराब हो गई. वहीं बुजुर्ग ने जब पार्षद से राशन कार्ड बनवाने के लिए कहा था तो पार्षद ने परिचय पत्र की अनिवार्यता का हवाला दिया. लेकिन इन हमारे पास परिचय पत्र भी नहीं है. इधर-उधर मांग कर गुजारा कर लेते है. कभी-कभी तो पानी पी कर ही रह जाते है’.

पार्षद ने बताया कि उन्होंने मकान की फोटो खींचकर अधिकारियों को भेजी थी. लेकिन जानकारी मिली की सरकार के द्वारा आपदा योजना के तहत 3 हजार रुपये ही मिलता है. मुआवजा राशि कम है. इससे उनका मकान नहीं बन पाएगा. उनके रहने के लिए मकान व्यवस्था की जा रही है. राशन कार्ड के लिए नगर निगम चिरमिरी में पेपर जमा कर दिए गए हैं.