जानिए पेट्रोल की कीमत कम नही करने वाले 7 राज्य कैसे करते है टैक्स से कमाई?


नई दिल्ली(सेंट्रल छत्तीसगढ़) :
 पेट्रोल पर वैट को लेकर गैर बीजेपी शासित सात राज्यों और केंद्र के बीच बहस जारी है. मुख्यमंत्रियों की मीटिंग में प्रधानमंत्री ने सात राज्यों महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और झारखंड का नाम लिया था, इसके बाद से पेट्रोल की लड़ाई और भड़क गई. पीएम मोदी ने कांग्रेस शासित राज्यों का नाम तो नहीं लिया था मगर रेट की तुलना के दौरान उन्होंने राजस्थान के जयपुर में पेट्रोल का भाव बता दिया. जयपुर में पेट्रोल 118 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. अब हालत यह है कि राज्य वैट का हिसाब-किताब लेकर केंद्र से अपने हिस्से से कटौती की मांग कर रहे हैं.

राज्यों के स्तर पर पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर टैक्स लगाने का तरीका जटिल है. राज्य पेट्रोल और डीजल पर लेवी सेस और सरचार्ज भी लगाते है. इसके अलावा फिक्स रेट और एड वैलोरेम रेट भी कीमतों में शामिल करते है. इस कारण विभिन्न राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अलग-अलग हैं. उदाहरण के लिए तेलंगाना राष्ट्र समिति के शासन वाले तेलंगाना में पेट्रोल पर लगने वाला वैट देश में सर्वाधिक है. तेलंगाना सरकार पेट्रोल पर सीधे 35.2 फीसद वैट वसूलती है. यहां पेट्रोलियम प्रोडक्ट की कीमतों में तेलंगाना सेस, सरचार्ज के साथ एड वैलोरम टैक्स नहीं जोड़े जाते हैं. मगर यहां के जिलों में पेट्रोल की कीमत भी अलग-अलग है. हैदराबाद में पेट्रोल 119.49 रुपये प्रति लीटर बिक रहा तो अदीलाबाद में इसकी कीमत 121.73 रुपये प्रति लीटर है. अभी पूरे भारत में पेट्रोल सबसे महंगा अदीलाबाद में बिक रहा है.

शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन वाली महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोलियम प्रोडक्ट के लिए दो तरह का रेट स्ट्रक्टर बना रखा है. महाराष्ट्र के पांच शहरों मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, अमरावती और औरंगाबाद में पेट्रोल पर 26 फीसद वैट और प्रति लीटर 10.12 रुपये का एडिशनल टैक्स वसूला जा रहा है. राज्य के अन्य हिस्सों में एडिशनल रेट तो 10.12 रुपये प्रति लीटर है मगर वैट की दर 25 फीसदी है. इस कारण मुंबई में पेट्रोल की कीमत अधिक है, इस कारण प्रधानमंत्री ने उदाहरण देते हुए मुंबई को भी शामिल कर लिया था. प्रधानमंत्री ने मुंबई की तुलना दमन और दीव से की थी. दमन और दीव में पेट्रोल 102 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है जबकि मुंबई में इसकी कीमत 120 रुपये प्रति लीटर है.

पीएम की ओर पश्चिम बंगाल का नाम लेने से सीएम ममता बनर्जी भी भड़की हुई हैं. उन्होंने कोलकाता में पेट्रोल की कीमत की तुलना लखनऊ से की थी. मगर सच यह है कि पश्चिम बंगाल में स्टेट टैक्स स्ट्रक्चर बड़ा ही जटिल है. राज्य सरकार पेट्रोल पर 25 प्रतिशत वैट के साथ 13.12 रुपये प्रति लीटर स्टेट लेवी वसूलती है. इसके अलावा, राज्य सरकार वैट पर 20 फीसद अतिरिक्त टैक्स भी लेती है. कोलकाता में पेट्रोल प्राइस 115 रुपये प्रति लीटर है जबकि लखनऊ में इसका रेट 105 रुपये प्रति लीटर है.

आंध्र प्रदेश में, पेट्रोल पर वैट की दर देश में सबसे अधिक है क्योंकि राज्य 31 प्रतिशत वैट के साथ 4 रुपये प्रति लीटर फिक्स्ड वैट वसूलता ही है. साथ में रोड डिवेलपमेंट सेस के तौर पर प्रति लीटर एक रुपये एक्स्ट्रा चार्ज करता है. इसके अलावा एडिशनल टैक्स भी लेता है. इतने सारे टैक्स के कारण आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में, पेट्रोल की कीमत लगभग 121 रुपये प्रति लीटर है.

डीएमके शासित तमिलनाडु में स्टेट सेल्स टैक्स या वैट के दो घटक हैं. फिक्स्ड एड वैलोरेम के साथ 13 फीसदी वैट और 11.52 प्रति लीटर टैक्स पेट्रोल की कीमतों में शामिल हैं. तमिलनाडु में पेट्रोल की कीमत 111 रुपये प्रति लीटर है. यह तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से कम है मगर कई राज्यों के मुकाबले रेट अभी भी ज्यादा है.

केरल में पेट्रोल-डीजल के रेट में तीन टैक्स जुड़े हैं. केरल सरकार पेट्रोल की कीमत में प्रति लीटर 30.08 प्रतिशत वैट के अलावा एक रुपया सेल्स टैक्स और एक फीसद एडिशनल सेल्स टैक्स वसूलती है. तिरुवनंतपुरम में पेट्रोल की कीमत 117.19 रुपये प्रति लीटर है, जो कई राज्यों के मुकाबले काफी महंगा है.

अब बात झारखंड की, जहां कांग्रेस झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ सत्ता में है. यहा सरकार 22 प्रतिशत वैट के अलावा प्रति लीटर 17 रुपये का सेल्स टैक्स और एक रुपये का सेस वसूल रही है. कांग्रेस शासित राजस्थान में पेट्रोल काफी महंगा है. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार 31.04 प्रतिशत वैट के साथ प्रति किलोलीटर 1500 रुपये का टैक्स लेती है. इस कारण राज्य के कई हिस्सों में पेट्रोल जयपुर के मुकाबले महंगा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के एक दिन बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भाजपा शासित राज्यों में पेट्रोल की कीमतों के बारे ट्वीट किया. उन्होंने बताया कि टैक्स कम करने बाद राज्यों को पांच महीने (नवंबर से मार्च 2022) में 15,969 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. अनुराग ठाकुर ने बताया कि पेट्रोल से टैक्स कम करने के बाद भाजपा शासित राज्यों को 11398 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है जबकि सात राज्यों ने 11,945 करोड़ कमाए हैं.