नारायणपुर के अबूझमाड़ मे धर्मांतरण के खिलाफ ग्रामीणों का आंदोलन


नारायणपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़):-  
अबूझमाड़ में धर्मांतरण का विरोध (Protest against conversion in Abujhmad) करने का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. अबूझमाड़ क्षेत्र से ईसाई समर्थकों का बहिष्कार को लेकर आकाबेड़ा में पांच परगना क्षेत्र एवं दस पंचायत के सैकड़ों ग्रामीणों का जनसभा चौथे दिन भी जारी है. गुरुवार को दर्जनों ग्रामीण मुख्यालय पहुंच राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर अबूझमाड़ क्षेत्र से ईसाई एवं उनके समर्थकों को आदिवासी आरक्षण से वंचित करने की मांग की.


आकाबेड़ा में 10 पंचायत के ग्रामीण हैं शामिल
अबूझमाड़ के आकाबेड़ा में ग्राम पंचायत धुरबेड़ा, कुतुल, पदमकोट, कच्चापाल, कस्तूरमेटा, कलमानार, नेडनार, घमंडी, झारावाही और मंडाली पंचायत के ग्रामीण धर्मांतरण के विरोध में प्रदर्शन जारी है और आकाबेड़ा में डटे हुए हैं. बीते दिनों आलनार के एक युवक को ईसाई मिशनरी युवकों के द्वारा रात 11 बजे घर मे जाकर बुरी तरह से सिर पर वार कर जख्मी किया गया. ग्रामीणों का कहना है कि युवक धर्मांतरण का विरोध और ईसाई मिशनरियों का विरोध करता था.

इसलिए युवक को कुल्हाड़ी से सिर पर वार किया गया. जिस पर सभी ग्रामीणों ने दुख जताया और फैसला लिया कि अब किसी भी सूरत में ईसाई मिशनरियों को आदिवासी आरक्षण लाभ नहीं मिलना चाहिए. क्योंकि ईसाई धर्म अपना चुके ग्रामीणों को अब आदिवासी लाभ से वंचित किया जाना चाहिए या वापस अपने धर्म मे शामिल होंगे तो ही जनसभा समाप्त होगी. ग्रामीणों ने बताया कि हमारे अबूझमाड़ क्षेत्र में ईसाई समर्थकों को कई बार ग्रामसभा रखकर उन्हें धर्मांतरण न करने के लिए समझाया. बावजूद, ईसाई धर्म प्रचार कर हमारे ग्रामीणों को कई प्रकार के प्रलोभन देते हैं. गुमराह कर धर्म परिवर्तन किया जा रहा है.

धर्म परिवर्तन से आदिवासी रीति-रिवाज और संस्कृति को खतरा
आदिवासी अपनी परंपरा, संस्कृति और रीति-रिवाज को बरकरार रखने सदियों से प्रतिबद्ध है. अभी अबूझमाड़ क्षेत्र में तेजी से धर्मांतरण को देखते हुए अबूझमाड़ के ग्रामीण विरोध में लामबंद हैं. आदिवासियों का कहना है कि अबुझमाड़िया में अपनी रीति-रिवाज, देवी-देवताओं और संस्कृति को धर्मांतरण से नुकसान होगा. यह वही ग्रामीण हैं जो अपने परंपरा को निर्वाहन सालों से पीढ़ी दर पीढ़ी करते आ रहे हैं.

ग्रामीणों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन कलेक्ट्रेट में तहसीलदार को दिया. जिसमें उल्लेख था कि शासन-प्रशासन को अबूझमाड़ में तेजी से हो रहे धर्मांतरण को ग्रामीणों के द्वारा कई बार अवगत कराया गया है. परंतु प्रशासन के द्वारा धर्मांतरण को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. जिस पर अबूझमाड़ के 10 पंचायत के ग्रामीणों ने दिनांक 21 एवं 22 दिसंबर को ग्राम सभा बैठक आयोजित की और अबूझमाड़ से समस्त ईसाई प्रचारक एवं समर्थकों का पूरे अबूझमाड़ क्षेत्र से बहिष्कार करने फैसला लिया.