कोरबा की यह कैसी कानून व्यवस्था ? न्याय की आस लेकर थाना पहुँची नवविवाहिता एसपी कार्यालय में फरियाद करने के बाद अब पुनः थाना का चक्कर लगाने मजबूर


हिमांशु डिक्सेना कोरबा:- ग्राम डोकरीखार विकासखंड कटघोरा निवासी नवविवाहिता पूजा उर्फ लक्ष्मी महंत गत 2018 से न्याय पाने थाना के बाद एसपी कार्यालय और फिर दोबारा थाना का चक्कर काट रही है।लेकिन अभी तक उसे कोई न्याय नही मिला है।पीड़िता का कहना है कि पति एवं ससुरालियों द्वारा दहेज के नाम पर शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किये जाने की शिकायत को लेकर न्याय पाने कानून की चौखट का अब तक चक्कर काट रही है।लेकिन कार्यवाही का आश्वासन देकर तारीख पर तारीख मिलते आ रहा है।

गत 22 जुलाई को अपने परिजन के साथ बांकीमोगरा थाना पहुँची पीड़िता पूजा उर्फ लक्ष्मी महंत ने बताया कि 07 अप्रैल 2018 को सामाजिक रीतिरिवाज के साथ उसका विवाह ग्राम तेंदुकोना(देवरी)थाना-बांकीमोंगरा निवासी लम्बोदर दास पिता झड़ीदास के साथ संपन्न हुआ था।विवाह के कुछ दिनों बाद ससुराल में पति,सास-ससुर तथा ननंद द्वारा दहेज में कम सामान लाने की बात को लेकर प्रताड़ित करने लगे।वहीं पति द्वारा मारपीट भी किया जाने लगा।लगातार शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के बाद दहेज में कार,वासिंग मशीन,एसी,डायनिंग टेबल व सोने के गहने लेकर आने की बात कहकर 22 अगस्त को मायके में छोड़ दिया गया।मायके पक्ष की समझाइश पर भी ससुराल के लोग नही माने।अतः 29 अप्रैल 2018 को कटघोरा थाना में लिखित आवेदन देकर न्याय मांगा गया तब पुलिस ने परामर्श केंद्र जाने की सलाह दी।जहाँ पति द्वारा साथ नही रखने की बात पर दोबारा कटघोरा थाना पहुँची।तब पुलिस द्वारा कार्यवाही हेतु बांकीमोंगरा थाना जाने कहा गया।इस प्रकार 14 जनवरी 2019 को बांकीमोंगरा थाना पहुँचकर लिखित आवेदन पुलिस को सौंपी।जहाँ बयान लेने उपरांत कार्यवाही किये जाने की बात कहकर लगातार टालमटोल किया जाता रहा।कार्यवाही नही होने पर 08 मार्च 2019 को एसपी कार्यालय पहुँची व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को आवेदन सौप अपनी आपबीती सुनाई।जहां जल्द कार्यवाही किये जाने का आश्वासन दिया गया।जिसके बाद बांकीमोंगरा पुलिस द्वारा शिकायत के संबंध पर बयान लेने 07 अप्रैल 2019 को थाना उपस्थित होने कहा गया।तब उक्त तिथि में उपस्थित होकर पुलिस के समक्ष अपना बयान दर्ज कराई।तत्पश्चात पुलिस ने एक सप्ताह बाद आने पर कार्यवाही किये जाने की बात कहकर वापस भेज दिया।लेकिन दो सप्ताह बीत जाने उपरांत भी पुलिस ने किसी प्रकार की शिकायत दर्ज नही की।इस बीच कार्यवाही की मांग को लेकर दो बार थाना का चक्कर लगा चुकी हूँ।

गत 22 जुलाई 2019 को भी नवविवाहिता अपने परिजन को साथ लेकर न्याय की आस लेकर बांकीमोंगरा थाना पहुँची थी।लेकिन फिर उसे सप्ताह भर बाद आने की बात कहकर पुलिस ने चलता कर दिया।पुलिस के इस रवैये से पीड़िता हताश व परेशान हो चुकी है लेकिन आज पर्यन्त तक न्याय नही मिल पाया।जिले में न्याय व कानून व्यवस्था के नाम पर लोगों को आश्वासन देने वाले पुलिस के अधिकारियों को इस गंभीर मामले मे अविलंब जांच कर दोषियों को दंड और पीड़िता को न्याय दिलाना चाहिए।लेकिन शर्मनाक विषय है कि एक अबला न्याय के लिए कानून के रखवालों के आगे हाथ फैलाकर थकहार चुकी है।अब सवाल यह उठता है कि क्या घरेलू हिंसा की शिकार नवविवाहिता को अभी न्याय के लिए और चक्कर लगाने होंगे….?

पौरुष पुर्रे (निरीक्षक-बांकीमोंगरा):- अभी पेंडिंग मामले सुलझा रहा हूँ।समय मिलने पर पीड़िता के पक्ष में शिकायत दर्ज कर तत्काल कार्यवाही करूँगा।