स्पेशल रिपोर्ट: इस पथ पर गौरव कैसा?.. 6.63 करोड़ की 1400 मी. सड़क.. 3 साल से अधूरी.. डिवाइडर व सड़क की घटा दी चौड़ाई.

कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़): नगर पालिका क्षेत्र के लोगों को इस बार भी बारिश में खराब सड़क के बीच आवाजाही करनी पड़ेगी. बारिश में सड़क कीचड़ से सराबोर हो जाता है. 3 साल से 6.63 करोड़ की लागत से बन रही 1400 मीटर गौरव पथ सड़क का काम अभी चल रहा है

दूसरी ओर अफसरों ने मनमानी करते हुए सड़क व डिवाईडर की चौड़ाई घटा दी. कई जगह सड़क किनारे पाथवे के लिए जगह ही नहीं बन पाएगी. निर्माणाधीन सड़क के बीच लोग आवाजाही करने मजबूर हैं. इससे सड़क पर जाम भी लग रहा है. अफसरों की मानें तो अभी सड़क बनने में डेढ़ माह का समय और लग सकता है. बिलासपुर से अंबिकापुर मार्ग पर कटघोरा प्रमुख नगर है. इस मार्ग पर 24 घंटे यातायात का दबाव रहता है. रोज डेढ़ सौ से अधिक यात्री बसें गुजरती हैं. बारिश के समय सड़क पर पानी भरने की वजह से दलदल बन जाता था. इसे देखते हुए वर्ष 2018 में डीएमएफ से गौरव पथ बनाने के लिए 6.63 करोड़ की मंजूरी देते हुए टेंडर भी जारी कर दिया गया था. शहीद वीरनारायण चौक से पेट्रोल पंप तक 1400 मीटर सड़क बननी है. लेकिन ठेकेदार ने काम ही नहीं किया.

इसके बाद फिर टेंडर जारी किया गया, लेकिन यह कहकर काम शुरू नहीं किया कि पानी आपूर्ति के लिए बिछाई गई पाइप लाइन व बिजली खंभे को हटाना पड़ेगा. इसके बाद काम तो शुरू हुआ लेकिन वह भी धीमी गति से चल रहा है. अब अफसरों ने डिवाइडर की चौड़ाई घटाकर ढाई फीट कर दिया है. कई स्थानों पर सड़क की चौड़ाई 3 से 4 फीट कम हो गई है. जबकि सड़क के दोनों ओर 9-9 मीटर की सड़क बननी है. धीमी गति से काम चलने पर लोगों की परेशानी दूर नहीं हो पा रही है. अभी डिवाइडर व सड़क पर मुरूम बिछाने का काम चल रहा है.

साढ़े 4 करोड़ से बना नाला, होंगे 1 करोड़ खर्च.

सड़क पर पानी भरने की समस्या को देखते हुए साढ़े चार करोड़ की लागत से नाला का निर्माण कराया गया है। अब पानी की निकासी होने से समस्या थोड़ी कम हुई है. नहीं तो पेट्रोल पंप के पास सड़क तालाब बन जाता था. दूसरी ओर पाइप लाइन व बिजली खंभे को हटाने एक करोड़ रुपए खर्च हुआ है लेकिन अभी भी पाइप लाइन हटाने का काम बाकी है.

सड़क की गुणवत्ता पर भी उठ रहे सवाल.

सड़क की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं। डिवाइडर का निर्माण मिट्टी डालकर किया जा रहा है. चौड़ाई भी छोटी हो गई है. एक व्यापारी ने बताया कि सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए अतिक्रमण हटाना जरूरी था, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. जो मापदंड व स्टीमेट बना था, उसके अनुसार काम नहीं हो रहा है.

नो एंट्री के बाद भी नगर में घुस रहे भारी वाहन.

कटघोरा बाइपास बनने के बाद नगर में नो एंट्री लगा दी गई है। पिछली बारिश में जरूर ढेलवाडीह पुल क्षतिग्रस्त होने से नो एंट्री में छूट दी थी, लेकिन फिर से नो एंट्री लगाने के बाद से भारी वाहन नगर के बीच से ही गुजर रहे हैं. इससे दुर्घटना की आशंका बनी हुई है. बस्ती के रामकुमार यादव ने बताया कि भारी वाहन की आवाजाही से ही सड़क और खराब हो गई.