सूर्य ग्रहण 10 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर 1 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगा.सूर्य ग्रहण को देश के कुछ इलाकों में पूरी तरह से देखा जा सकेगा

नई दिल्ली (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) :- दुर्लभ खगोलीय घटना के तहत रविवार, 21 जून को भारत में कुंडलाकार सूर्य ग्रहण दिखाई पड़ेगा, जो ‘रिंग ऑफ फायर’ ग्रहण के नाम से लोकप्रिय है. चालू वर्ष में पड़ रहे पहले सूर्य ग्रहण को देश के कुछ इलाकों में पूरी तरह से देखा जा सकेगा. लेकिन संपूर्ण देश में यह एक जैसा नजर नहीं आएगा. कहीं-कहीं यह आंशिक दिखाई देगा.

कुल तीन घंटे 39 मिनट तक रहेगा सूर्य ग्रहण


इस सूर्य ग्रहण का असर देश में काफी लंबे समय तक रहेगा. यह ग्रहण पूर्वाह्न 10 बजकर 20 मिनट पर स्पर्श करेगा और दोपहर 1 बजकर 48 मिनट पर खत्म होगा. ग्रहण का सूतक शनिवार, 20 जून को रात्रि 10 बजकर 24 मिनट पर शुरू हो जाएगा.

कुंडलाकार या वलयाकार सूर्य ग्रहण वस्तुतः पूर्ण सूर्य ग्रहण का विशेष प्रकार है. पूर्ण सूर्य ग्रहण की तरह इसमें चंद्रमा, सूर्य के साथ संरेखित हो जाता है. हालांकि, उस दिन चंद्रमा का स्पष्ट आकार सूर्य से छोटा होता है. इसलिए चंद्रमा सूर्य के मध्य भाग को कवर करता है और सूर्य एक बहुत ही संक्षिप्त क्षण के लिए आकाश में ‘रिंग ऑफ फायर’ की तरह दिखाई देता है .

इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स पुणे के समीर धुर्दे बताते हैं कि सूर्य ग्रहण के दौरान, चंद्रमा का स्पष्ट आकार सूर्य से 1 प्रतिशत छोटा होता है.

एस्ट्रोटॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की सार्वजनिक आउटरीच और शिक्षा समिति के अध्यक्ष अनिकेत सुले का कहना है कि सूर्य ग्रहण थोड़े समय के लिए चंद्रमा के सामने आने पर होता है. ग्रहण वर्ष में 2 से 5 बार पृथ्वी पर होता है.

सुले का कहना है कि ग्रहण पृथ्वी पर सूक्ष्म जीवों को प्रभावित नहीं करते हैं. इसी तरह ग्रहण के दौरान बाहर खुले भोजन में कोई खतरा नहीं है. ग्रहण के दौरान सूर्य से कोई रहस्यमय किरणें नहीं निकलती हैं.

जानें, कहां-कहां दिखाई देगाअलग-अलग शहरों में सूर्य ग्रहण का समय

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया कि हरियाणा और उत्तराखंड में अनूपगढ़, सूरतगढ़, सिरसा, जाखल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, देहरादून, तपोवन व जोशीमठ आदि क्षेत्रों के बाशिंदे वलयाकार सूर्य ग्रहण देख सकेंगे. देश के अन्य हिस्सों में आंशिक ग्रहण दिखाई देगा. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सूर्य ग्रहण 78 प्रतिशत ही दिखाई देगा.

दरअसल, चंद्रमा से सूर्य की दूरी अधिक होने से दोनों का आकार बराबर दिखाई देता है. फिलहाल 21 जून, रविवार को ही सूर्य ठीक मध्य में होगा. यह साल का सबसे बड़ा दिन भी है.