मुंगेली (सेंट्रल छत्तीसगढ़):- नक्सल प्रभावित इलाकों से घिरी खुड़िया पुलिस चौकी (khudiya police station) को जब से बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई है, विवाद थम नहीं रहा है. लोरमी क्षेत्र के खुड़िया वनगांव में स्थित इस पुलिस चौकी को बंद करने के लिए विशेष पुलिस महानिदेशक आरके विज ने एक पत्र बिलासपुर रेंज के आईजी रतनलाल डांगी (IG Ratanlal Dangi) को लिखा था. जिसके बाद सियासत तेज हुई और भाजपा ने आंदोलन की बात कही थी. अब आईजी रतनलाल डांगी का एक बयान नया मोड़ ला सकता है. आईजी ने कहा है कि खुड़िया चौकी को बंद न करने की ग्रामीणों की मांग जायज है.
सुर्खियों में क्यों है छत्तीसगढ़ की ये पुलिस चौकी
सुरक्षाबलों का तैनाती जरूरी
बिलासपुर रेंज आईजी (Bilaspur Range IG) रतनलाल डांगी ने कहा कि ज्ञापन दिया है कि, खुड़िया क्षेत्र संवेदनशील जगह है. यहां नक्सल गतिविधियां भी देखने को मिलती है. यहां का डैम बहुत पुराना है. जिससे सिंचाई होती है. सुरक्षाबलों के न होने से डैम को डैमेज किया जा सकता है. इससे कई लोगों को नुकसान होगा. इस लोकेशन पर सुरक्षाबलों का होना जरूरी है.
आईजी ने कहा कि गांववालों की मांग जायज है. सरकार को इससे अवगत कराएंगे. मेरा ये मानना है कि ऐसी संवेदनशील जगह पर सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाना जरूरी है. किसी भी स्थिति में मुंगेली क्षेत्र को नक्सलियों के कब्जे में नहीं आने देना चाहते. इसके लिए जो जरूरी होगा वो करेंगे.
क्या है पूरा मामला ?
नक्सल प्रभावित इलाकों से घिरी खुड़िया पुलिस चौकी (khudia police chowki in mungeli) को बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. विशेष पुलिस महानिदेशक आरके विज (Special DG RK Vij) की ओर से एक पत्र बिलासपुर रेंज के आईजी रतनलाल डांगी (bilaspur ig ratan lal dangi) को लिखा गया है. इस पत्र के बाद से ही जिले की सियासत गरमा गई है. पूरे मामले को लेकर बीजेपी आंदोलन की बात कर रही है.
बीजेपी सरकार में खोली गई थी चौकी
26 जून को मुंगेली जिले के खुड़िया पुलिस चौकी को बंद करने के संबंध में मीडिया ने बिलासपुर रेंज के आईजी रतनलाल डांगी से बात की थी, तो उन्होंने कहा कि खुड़िया चौकी संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है. वहां पुलिस सहायता केंद्र स्थापित किया जा रहा है. वहां के सेटअप में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा रहा है. उतने ही बल वहां तैनात रहेंगे जितने अभी हैं. जिले के एसपी अपने विवेक और आवश्यकता के मुताबिक बल बढ़ा-घटा सकते हैं. उन्होंने बुधवार को फिर कहा कि खुड़िया पुलिस चौकी बंद न करने की ग्रामीणों की मांग जायज है.
लोरमी के खुड़िया ग्राम में पुलिस चौकी की स्थापना 29 अक्टूबर 2014 को तत्कालीन बीजेपी सरकार में की गई थी. खुड़िया गांव में पुलिस चौकी खोलने को लेकर लंबे समय से मांग की जा रही थी. तत्कालीन बीजेपी विधायक और छत्तीसगढ़ सरकार में संसदीय सचिव रहे तोखन साहू की पहल पर यहां पुलिस चौकी की स्थापना की गई थी.
मिलती रही है नक्सलियों के आमद की जानकारी
लोरमी के खुड़िया इलाके की सीमा एक तरफ से नक्सल प्रभावित मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले तो दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले से लगती है. खुड़िया क्षेत्र सघन जंगल का इलाका है. समय-समय पर इस क्षेत्र में नक्सलियों की आमद की सूचना पुलिस को मिलती रही है. यही वजह थी कि जंगल के अंदर अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए तत्कालीन बीजेपी सरकार में यहां पुलिस चौकी की स्थापना की गई थी, लेकिन मौजूदा कांग्रेस सरकार में एकाएक इसे बंद करने का फैसला किया है. यह फैसला यहां के निवासियों के गले नहीं उतर रहा है. ऐसे में गृह विभाग के इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है.
खुड़िया के रास्ते बड़े पैमाने पर गौ तस्करी की जाती रही है. यहां के जंगलों से होते हुए मध्यप्रदेश के जबलपुर तक गौ की तस्करी की जाती रही है. खुड़िया में चौकी खुलने के बाद से तस्करों पर काफी लगाम लगी थी