सरगुजा(सेंट्रल छत्तीसगढ़): मैनपाट में बुधवार को वैशाख पूर्णिमा के अवसर तिब्बतियों ने भगवान बुद्ध की 2,565वीं जयंती सादगीपूर्ण तरीके से मनाई. इस अवसर पर तिब्बतियों ने वैश्विक महामारी से बचाव और विश्व शांति की कामना करते हुए मैनपाट के बुद्धा मंदिर में विशेष पूजा की.
यहां तिब्बतियों ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से उन्होंने कम संख्या में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भगवान बुद्ध की पूजा की है. तिब्बतियों के लिए यह दिन बहुत खास रहा. उन्होंने गौतम बुद्ध की जयंती को त्रिविध जयंती के रूप में मनाया.
बुद्ध पूर्णिमा पर तिब्बतियों ने की विशेष पूजा
सनातन धर्म के अनुसार विष्णु के नौवें अवतार गौतम बुद्ध जिनका नाम सिद्धार्थ था, वे वैशाख पूर्णिमा के दिन जन्म लिए थे. बौध्द धर्म को मानने वाले इस दिन को उनकी जयंती के तौर पर मनाते हैं. भगवान बुद्ध ने सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वाणी, सम्यक कर्म, सम्यक आजीविका, सम्यक व्यायाम, सम्यक स्मृति, सम्यक समाधि के द्वारा जीवन को सुखमय बनाने के तरीके बताए थे. इन मार्गों को अपनाकर मनुष्य जीवन सुखी हो सकता है.
बुधवार को था इस वर्ष का पहला चंद्रग्रहण
बुधवार को वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा और खंडग्रास चंद्रग्रहण भी था. इस वर्ष का ये पहला चंद्रग्रहण था. इसका प्रभाव रूस, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण पूर्वी एशिया और अंटार्कटिक क्षेत्रों में ज्यादा रहा.
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया. जिसमें उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध का संदेश हम सब के बीच हमेशा प्रवाहित होता है. हम सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बुद्ध के बताए मार्ग पर चलकर हम सभी चुनौतियों से लड़ सकते हैं.