शहर कांग्रेस अध्यक्ष का आरोप “अपनी सरकार में प्रताड़ित हो रहे कांग्रेसी” गुंडा लिस्ट पर उठाया सवाल , बैठक में नहीं पहुंचे दो विधायक

कोरबा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) :- राज्य में मचे सियासी घमासान के बीच कोरबा शहर के पंचवटी विश्राम गृह में जिला कांग्रेस कमेटी की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई. कार्यकारिणी की बैठक में कार्यकर्ताओं का दर्द छलक आया. सभी कार्यकर्ताओं ने पदाधिकारियों को जम कर खरी-खोटी सुनाई. कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ने भी साफ तौर पर कहा कि अपने ही शासन में हम प्रताड़ित हैं. पुलिस और प्रशासन तो जैसे कांग्रेसियों के पीछे पड़ा हुआ है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. रायपुर मुख्यालय को कई बार पत्र लिखा, लेकिन कोई चर्चा नहीं किया गया. आखिर हम करें तो क्या करें?

अपने ही सरकार में क्यों प्रताड़ित हैं कांग्रेस के कार्यकर्ता

कुछ दिन पहले बिलासपुर में भी कुछ इसी तरह की परिस्थितियां निर्मित हुई थीं. जब स्थानीय विधायक शैलेश पांडे ने कहा था कि ‘हम सिंहदेव के समर्थक हैं, इसलिए पुलिस हमें ठोक रही है’. कोरबा में भी कुछ इसी तरह की परिस्थितियां बन गई हैं. जब राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के खास सिपहसालरों में शुमार विकास सिंह का नाम शहर के गुंडा-बदमाशों के लिस्ट में शामिल कर लिया गया. पुराने मामले में पुलिस विकास की तलाश कर रही है. वह फिलहाल फरारी काटने को विवश हैं. मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी सिंहदेव के समर्थकों में गिने जाते हैं.

बैठक में कांग्रेस शहर के महासचिव बोलने खड़े हुए. वह बेहद आक्रोशित थे. उनका कहना था कि कुछ दिन पहले उन्होंने जिले के एक थानेदार को फोन लगाया और कहा कि कार्यकर्ता की गलती नहीं है उसे बख्श दिया जाए. इस पर थानेदार ने उल्टे जवाब दिया कि मैं आपका फोन टेप कर रहा हूं. एसपी को सुनाऊंगा और आपकी शिकायत मुख्यमंत्री से करूंगा. महासचिव इस बात से बेहद आहत हैं. उन्होंने बीच बैठक में कहा कि जब एक थानेदार मुख्यमंत्री के नाम से नहीं डर रहा है तो हम जैसे मामूली कार्यकर्ताओं की वह क्या खाक सुनेगा?

खुद को चोर समझने लगे हैं पदाधिकारी

कार्यकारिणी में शामिल हम पदाधिकारी खुद को चोर समझने लगे हैं. बैठक की भी कोई जानकारी नहीं होती. हम बेहद प्रताड़ित हैं.


इसी तरह शहर के एक कार्यकर्ता ने कहा कि हमारे सुख, दुख के साथी विकास सिंह भैया को पुलिस ने गुंडा बदमाशों को सूची में शामिल कर दिया है. फर्जी मामला बना दिया गया. शाम 4 बजे शुरू हुई यह बैठक देर शाम तक चलती रही. एक के बाद एक कार्यकर्ता सरकार को कोस रहे थे और वह कह रहे थे कि लगातार हमें प्रताड़ित किया जा रहा है. पुलिस हो या प्रशासन, कहीं भी किसी कार्यकर्ता का कोई भी काम नहीं हो पा रहा है.

विधायक व ग्रामीण जिला अध्यक्ष रहे नदारद


पंचवटी विश्राम गृह में बैठक के आयोजन की सूचना 1 दिन पहले ही जिला कांग्रेस कमेटी शहर के कार्यालय से जारी हुई थी. जिसमें बताया गया था कि जिला कांग्रेस कमेटी शहर और ग्रामीण की संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया जा रहा है. लेकिन बैठक में शहर के साथ ही ग्रामीण अंचल के पदाधिकारी भी पहुंचे वह एक गुट विशेष के थे. जबकि भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले हैं पाली तानाखार के विधायक और जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के जिला अध्यक्ष मोहित केरकेट्टा बैठक में नहीं पहुंचे थे. इसके साथ ही जिले के अन्य कांग्रेसी विधायक पुरुषोत्तम कंवर भी बैठक में नहीं पहुंचे. दोनों विधायक भूपेश बघेल के करीबी के तौर पर माने जाते हैं. यह दोनों हाल ही में जब सारे विधायक दिल्ली गए थे, तब दिल्ली भी रवाना हुए थे. इस लिहाज से भी चर्चा रही कि बैठक में एक गुट विशेष के कांग्रेसी शामिल हुए हैं. जबकि दूसरे गुट के कांग्रेसी नदारद रहे। बावजूद इसके पंचवटी विश्राम गृह में जिलेभर से बड़ी तादाद में कांग्रेसी पहुंचे थे.

सभापति ने पूछा, क्यों किया जा रहा है ऐसा?


बैठक में पूरे समय विकास सिंह का गुंडा बदमाशों के लिस्ट में शामिल करने और उनके फरारी काटने का मामला गरमाया रहा. सभापति श्यामसुंदर सोनी ने कहा कि विकास सिंह को एक पुराने मामले में आरोपी बनाया गया था. जिसमें साल भर से वह आराम से रह रहे थे. अचानक एक दिन उनके घर पुलिस रेड मारती है. जबकि इस समय तक कोई भी सुगबुगाहट नहीं थी और उनका नाम गुंडा बदमाशों के लिस्ट में शामिल कर लिया जाता है. पुलिस की कार्रवाई बेहद चौंकाने वाली है.