लॉकडाउन में रचाई जा रही थी दो बेटियों की शादी..बारात आने से पहले पहुंची प्रशासन की टीम..जांच में एक बेटी निकली नाबालिग..महिला बाल विकास कटघोरा ने रुकवाया विवाह.

कोरबा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) :- कोरबा जिला कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के निर्देश पर बाल विवाह ना हो इसके लिए सतत निगरानी प्रशासन की ओर से की जा रही है. समाज की जागरूकता व जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ऐसे शादियों को रोकने में प्रशासन को काफी सफलताएं मिलती जा रही हैं. प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा कटघोरा विकासखंड के अंतर्गत एक गांव में नाबालिग के विवाह को रुकवाया गया. कटघोरा महिला बाल विकास बाल विवाह का सूचना प्राप्त हुई. सूचना मिलते ही महिला बाल विकास निर्देश में एक संयुक्त जांच दल बाल विवाह रुकवाने के लिए पहुंची. दल में महिला व बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग एवं के सदस्य मौजूद थे.

बतादें की कटघोरा थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत धवईपुर के आश्रित ग्राम रामनगर में आज बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर महिला बाल विकास परियोजना कटघोरा एवं पुलिस थाना कटघोरा की टीम के साथ निरीक्षण किया गया जिसमें रामनगर निवासी मुनीराम की दो पुत्रियों का विवाह आज होना पाया गया जिसमें एक पुत्री की आयु 18 वर्ष 1 माह 30 दिन थी वहीं दूसरी पुत्री नाबालिक थी.

शासन के नियमानुसार बाल विवाह गैर-कानूनी है एवं बाल विवाह अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह करने पर एक लाख जुर्माना व 2 वर्ष की सजा का प्रावधान है साथ ही कोरबा जिले में कोरोना महामारी की स्थिति को देखते हुए 17 मई तक जिले में पूर्ण लॉकडाउन लगा हुआ है. साथ ही परिवार के सदस्यों को समझाइश देकर विवाह नही करवाने के निर्देश दिए गये. तथा 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुकी पुत्री का विवाह लॉक डाउन के समाप्त होने के बाद अनुमति लेकर विवाह कराने की बात कही और नाबालिग पुत्री के विवाह पर परिजनों ने भी सहमति देकर शादी नही करनें की बात कही. इसके साथ ही टीम द्वारा परिजनों को 18 वर्ष की निर्धारित आयु पूर्ण होने के उपरांत ही शादी करने का शपथ पत्र भरवाया गया. कानून नियम तोड़ने पर वैद्यानिक कार्यवाई की चेतावनी दी गई है।