लॉक डाउन पर आरक्षक की कर्तव्य परायणता से गरीब महिला को मिला राशन, महिला ने फ़ोन द्वारा बताई थी हालत

कोरबा (सेंट्रल  छत्तीसगढ़) शारदा पाल /  कटघोरा :- COVID-19 कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर नियंत्रण व रोकथाम के लिए पूरे देश में 22 मार्च से लॉक डाउन किया गया है। कटघोरा में पुरानी बस्ती में 22 कोरोना संक्रमित मरीज मिलने से पुलिस प्रशासन से जुड़े लोग दिन-रात अपनी ड्यूटी में लगे हुए हैं। कटघोरा में लगातार कोरोना वायरस के संक्रमित मरीज आने से कटघोरा क्षेत्र को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया है। कोरोना के खिलाफ जंग में अपने कर्तव्यपथ पर अडिग कटघोरा की पुलिस ने अपनी कर्तव्य परायणता की मिसाल पेश की है। इस समय लॉक डाउन की वजह से लोगों को घरों से बाहर निकलने के लिए मना किया गया है। लॉक डाउन की वजह से गरीब परिवारों को सबसे ज्यादा दिक्कतें आ रहीं हैं। लोगों के घरों तक राशन पहुचाने के लिए प्रशासन ने वालेंटियर्स नियुक्त किये हैं। कंट्रोल रूम में फ़ोन के माध्यम से सामानों को वालेंटियर्स लोगों के घरों तक पंहुचा रहें हैं।


       कटघोरा में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और लॉक डाउन से काम नहीं चलने से गरीब परिवार पैसों के अभाव में राशन खरीदने में असमर्थ हैं। शासन द्वारा राशन तो उपलब्ध कराया जा रहा है लेकिन सही मायने में कुछ जरूरतमंदों तक राशन नहीं पंहुच पा रहा है। कटघोरा के 112 में ऑन ड्यूटी पर आरक्षक रमेश कश्यप को एक फ़ोन आता है और एक महिला अपनी समस्या से अवगत कराती है कि उसके पति नहीं है और उसकी परिस्थिति काफी खराब है। और वे अकेली घर पर रहती है। अभी लॉक डाउन की वजह से काम नही चल रहा है और पैसे भी नहीं है, घर पर राशन तक नहीं हैं। आरक्षक रमेश कश्यप अपने 112 के चालक संगम श्रीवास्तव के साथ उक्त महिला के पास जाकर स्थिति को गंभीरता से लेते हुए उक्त महिला को स्वयं के द्वारा आर्थिक मदद एवं राशन प्रदान किया। इस बात की खबर जब कटघोरा थाना प्रभारी व कटघोरा वासियों को लगी तो सभी ने इस तरह के नेक काम को लेकर आरक्षक रमेश कश्यप के जज्बे को सलाम करती है।
      इस समय कटघोरा नगर में बढ़ते कोरोना संक्रमित मरीजों से शासन द्वारा क्षेत्र को कोरोना हॉटस्पॉट बनाया गया है लेकिन इस समय इस भयावह स्थिति में प्रशासन के सभी आला अधिकारियों तथा कटघोरा पुलिस की कर्तव्य परायणता को कटघोरा वासी जीवनपर्यंत याद रखेगी।