रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़):- राजधानी रायपुर में महिलाओं से सम्बंधित केस को देखते हुए महिला थाने में नई पहल की शुरुआत की जा रही है. पारिवारिक मामलों में काउंसलिंग (Counseling in family matters) या फिर दंपत्ति के बीच विवाद (Dispute Between Couple), दहेज प्रताड़ना के केसेस तक सिमटे महिला थाने के लिए अपनी जिम्मेदारी तय करने की दिशा में काम किया जा रहा है. रायपुर जिले में महिला थाने में सिर्फ घरेलू मामलों में ही नहीं, बल्कि अब बाकी थानों की ही तरह से रेप, छेड़छाड़ और मारपीट जैसे मामलों में कार्रवाई की जाएगी. रायपुर जिले के नए एसपी प्रशांत अग्रवाल (SP Prashant Agarwal) के निर्देश पर यह बदलाव होने जा रहा है. शहर के थानों में महिला स्टाफ की तंगी (Shortage of Female Staff) के बीच बढ़ते पेंडिंग केस में नए प्रयोग से राहत मिलने की संभावना जताई गई है.
घरेलू और पारिवारिक के साथ अन्य मामलों में दर्ज होगी FIR
पहले पारिवारिक विवाद या दहेज के मामले पर होती थी FIR
महिला थाने में वर्तमान में सिर्फ पारिवारिक विवाद से जुड़े मामलों का ही निपटारा किया जाता है. काउंसलिंग और महिला संबंधी अपराधों में एक्सपर्ट व्यवस्था संभाले हुए हैं. नए पुलिस कप्तान के निर्देश के बाद अब व्यवस्था बदली जा रही है. महिला थाने को शहरी क्षेत्र के थानों से पेंडिंग केसेस (Pending cases from police stations) की डायरिया सौंपी जाएगी. इसके साथ ही अतिरिक्त बल उपलब्ध कराया जाएगा. जिससे महिलाओं से संबंधित पेंडिंग मामलों में जल्द से जल्द कार्रवाई हो सकेगी. दुष्कर्म पीड़िता महिला थाने पहुंचकर निःसंकोच अपनी बात रखेंगी. थाने से संबंधित मामलों में कई बार देखा जाता रहा है कि महिला थाने से मारपीट रेप या फिर छेड़छाड़ के मामले वापस कर दिए जाते हैं, लेकिन अब बिल्कुल ऐसा नहीं होगा.
थानों में डेस्क का निकल गया दम
3 साल पहले रायपुर में महिला हेल्प डेस्क बनाई गई थी. जहां महिला कर्मचारियों को तैनाती के साथ महिला संबंधी अपराधों के निराकरण के लिए ड्यूटी ऑफिसर भी तैयार किए गए थे. लेकिन स्टाफ की तंगी और ला एंड ऑर्डर की व्यवस्था (Law and order arrangement) के चलते डेस्क का सूपड़ा ही साफ हो गया. महिला डेस्क का अस्तित्व कुछ एक थाने में जरूर जिंदा है, लेकिन रिजल्ट के मामले में आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले ही हैं.
फील्ड में रक्षा टीमें
रायपुर में महिला सेल की टीम के साथ दो रक्षा टीमें तैनात की गई है. सबसे खास यह है कि रक्षा टीमों के गस्त रूट की प्लानिंग बिल्कुल टाइमिंग के हिसाब से की गई है. जिस वक्त स्कूल, कॉलेज, मंदिर, रेलवे स्टेशन और दूसरे पब्लिक प्लेस प्लेस गार्डन पार्क में भीड़ ज्यादा रहती है. उसी टाइमिंग में पुलिस की दो रक्षा टीमें फील्ड में उतारी गई है.
एसपी ने दिए दिशा-निर्देश
महिला थाने में सालभर में औसतन 60 से 70 केस फाइल होते हैं. यह सभी केस घरेलू हिंसा से जुड़े होते हैं. रायपुर सिटी एएसपी तारकेश्वर पटेल (Raipur City ASP Tarakeswar Patel) ने बताया कि अब दूसरे थानों में दर्ज प्रकरणों की फाइलें महिला थाने भेजी जाएगी. दूसरे थानों को पेंडेंसी दूर करने के साथ महिला पुलिस ज्यादा से ज्यादा कार्रवाई कर सके ऐसे इंतजाम किए जाएंगे. इसके लिए पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा निर्देश दिए गए हैं.