रायगढ़: रोजाना सैकड़ों क्विंटल गीला और सूखा कचरा एकत्र होता है, जिसके निपटारे के लिए 2 करोड़ 11 लाख की लागत से डंपिंग यार्ड बनाया जा रहा है. इससे पुराने कचरों को सड़ाकर खाद बनाया जाएगा और प्लास्टिक को रिसाइकल किया जाएगा.

रायगढ़ (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : 48 वार्ड वाले शहर में रोजाना सैकड़ों क्विंटल गीला और सूखा कचरा एकत्र होता है. इन कचरों को ज्यादातर बड़े रामपुर स्थित डंपिंग यार्ड में खुले में ही डंप किया जाता है. ऐसे में यहां अब कचरे का अंबार लग गया है.

सड़क किनारे डंपिंग यार्ड होने की वजह से बदबू से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. नगर निगम अब इसके निपटारे के लिए जल्द ही प्लांट लगाने की तैयारी कर रहा है. नगर निगम के अधिकारी का कहना है कि कुछ महीने के अंदर पूरा कचरा डंपिंग यार्ड से साफ कर दिया जाएगा.



दो करोड़ की लागत से बनेगा कचरा सफाई के लिए प्लांट

अधिकारी का कहना है कि लगभग 2 करोड़ 11 लाख की लागत से प्रोजेक्ट तैयार होना है. इसके लिए टेंडर और अन्य काम लंबित है. काम शुरू होने के महीनेभर के बाद ही पूरा कचरा साफ कर दिया जाएगा. इससे पुराने कचरे को सड़ाकर खाद बनाया जाएगा और प्लास्टिक को रिसाइकल किया जाएगा. गिट्टी-पत्थर को शहर के सड़कों के गड्ढे भरने के लिए उपयोग में लाया जाएगा. इस तरह से प्लांट लगने के बाद जो एसएलआरएम सेंटर (SLRM) पर कचरे आते हैं, उनका भी निपटारा इस मशीन से किया जाएगा. प्रदेश के चुनिंदा नगर निगम में इस तरह की व्यवस्था है. रायगढ़ में भी इस मशीन की व्यवस्था हो जाने पर शहर गार्बेज फ्री हो जाएगा.


गीला-सूखा कचरा अलग-अलग किया जाएगा

एसएलआरएम सेंटर (SLRM) में प्लास्टिक और कागज होता है, जिसे रिसायकल किया जाता है. पूरे रायगढ़ का कचरा अभी एसएलआरएम सेंटर में जाता है और वहां पर प्लास्टिक के बोतल, कागज के कार्टून आदि को रिसायकल कर लिया जाता है, लेकिन घरों से निकलने वाले सब्जी के छिलके, बचा हुआ खाना जैसे गीला कचरा रामपुर स्थित डंपिंग यार्ड में डंप कर दिया जाता है, जिससे कचरे का पहाड़ बन रहा है. इससे आसपास के क्षेत्र में बदबू फैल रही है. एक बार कचरे को डिस्पोज करने की मशीन लग जाने के बाद गीले कचरे और उन सभी का निपटारा हो जाएगा, जो रायगढ़ शहर को प्रदूषित करता है.