राजनांदगाव: डोंगरगढ़ में एक बुजुर्ग को अपनी ही जमीन के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. उनका आरोप है कि उनके ही जमीन को तत्कालीन तहसीलदार और नजूल निरीक्षक ने सांठगांठ करके अन्य व्यक्तियों के नाम पर ट्रांसफर कर दिया, जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है.

राजनांदगांव (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : डोंगरगढ़ में जमीन फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. पीड़ित पक्ष का आरोप है कि FIR दर्ज होने के बाद भी अब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है. बता दें, डोंगरगढ़ के बुधवारीपारा निवासी धनसिंह जंघेल की शिकायत पर डोंगरगढ़ पुलिस थाने में पूर्व पार्षद दीपक ठाकुर, बीजेपी नेता राजनारायण चंदेल और अवंती विहार रायपुर निवासी चंदा बाई लोधी के खिलाफ बीते 7 सितंबर को विभिन्न धाराओं के तहत धोखाधाड़ी की शिकायत दर्ज की गई थी. पीड़ित धनसिंह जंघेल ने बताया कि इन व्यक्तियों के खिलाफ जमीन के फर्जीवाड़े का मामला दर्ज होने के बाद सभी आरोपी फरार हैं. FIR दर्ज होने के 20 दिन बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस के कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक आरोपी अग्रिम जमानत का प्रयास कर रहे हैं. वहीं प्रार्थी ने पुलिस पर आरोप लगाए हैं कि आरोपियों को बचाने के लिए शुरू से ही एफआईआरदर्ज करने में आनाकानी की जा रही थी. हालांकि राजनांदगांव एसपी के निर्देश पर आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है, लेकिन अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.

ये है मामला

धनसिंह जंघेल ने बताया कि धनसिंह जंघेल तीन भाई थे. दीनदयाल जंघेल, मनोहर जंघेल और धनसिंह जंघेल. करीब 50 साल पहले इनके पिता रिघु राम जंघेल ने कुल 3598 वर्गफुट आवासीय जमीन खरीदी थी. उस जमीन पर तीनों भाई का अधिकार था. इसलिए इस जमीन में से 1800 वर्गफुट भूमि सभी भाईयों ने मिलकर चंदा बाई को रायपुर के पास 20 जुलाई 1977 में बेची थी, जिसमें से 1798 वर्गफुट जमीन तीनों भाईयों के अधिकार में शेष बची थी. पीड़ित का आरोप है कि बांकी 1798 वर्गफुट जमीन पर फर्जीवाड़ा करके चंदा बाई, राजनारायण चंदेल और दीपक ठाकुर ने कब्जा कर लिया है.

अधिकारियों पर सांठगांठ का आरोप

प्रार्थी की ओर से निकाली गई जानकारी के अनुसार साल 2011-12 में 1798 वर्गफुट जमीन धनसिंह और उनके भाईयों के नाम पर दर्ज है. धनसिंह ने बताया कि 14 मई 2012 तक 1798 वर्गफुट जमीन हम तीनों भाईयों के नाम पर दर्ज थी. उनका आरोप है कि तत्कालीन तहसीलदार और नजूल निरीक्षक ने सांठगांठ कर 30 जुलाई 2012 को एक नया नामांतरण जारी किया, जिसमें दीपक ठाकुर के नाम पर 1798 वर्गफुट जमीन नामांतरण कर दी गई, जबकि भूमि स्वामी ने उस जमीन को आज तक ना तो किसी के पास बेचा और ना ही गिरवी रखा.

राजनीतिक दबाव के चलते अब तक नहीं मिला न्याय

पीड़ित धनसिंह जंघेल ने बताया कि उनकी ओर से बीजेपी शासनकाल में कई बार सक्षम अधिकारी, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को भी आवेदन के माध्यम से शिकायत कर न्याय दिलाने की गुहार लगाई गई थी, लेकिन राजनारायण चंदेल और दीपक ठाकुर बीजेपी के सदस्य हैं जिसकी वजह से उनके आवेदन को अनदेखा कर सही तरीके से जांच नहीं की गई, जिसके चलते उन्हें आज तक न्याय नहीं मिल पाया. मौजूदा स्थिति में उन्हें आर्थिक और मानसिक क्षति का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि उनकी उम्र 74 साल हो चुकी है और वे बुजुर्ग हो चुके हैं. इसके बावजूद उन्हें अपनी ही संपत्ति को बचाने के लिए दर-दर की ठोकर खानी पड़ रही है.

जमीन पर हो चुका है निर्माण

ये भी बताया जा रहा है कि आरोपी दीपक ठाकुर ने उस जमीन पर निर्माण कार्य करवा लिया है. जहां पर G-महासेल सहित अन्य दुकानें संचालित हो रही है और यह जगह डोंगरगढ से खैरागढ़ जाने वाले मुख्य मार्ग पर पुराना बस स्टैंड के पास सड़क किनारे है, जिसका बाजार मूल्य बहुत अधिक है.