भूपेश कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले हुए हैं. छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक-2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है. वहीं जल जीवन मिशन योजना के दस हजार करोड़ के टेंडर भी निरस्त कर दिए गए हैं. जानिए कैबिनेट की बैठक के अहम फैसले…

रायपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) हिमांशु डिकसेना : सीएम हाउस में कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई. बैठक की अध्यक्षता सीएम भूपेश बघेल ने की. कैबिनेट की बैठक में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सहित सभी मंत्री शामिल रहे. इस बैठक में नए कृषि कानून को लेकर चर्चा की गई. 27 अक्टूबर यानी कल विधानसभा का विशेष सत्र भी है, इस कानून को सदन में रखा जाएगा.

कुछ दिन पहले हुई बैठक में इससे संबंधित ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कृषि, सहकारिता, खाद्य और विधि विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई थी. समर्थन मूल्य से नीचे की खरीदी करने वालों के खिलाफ कड़े कानून बनाने की तैयारी की जा रही है.

बैठक में लिए गए कई अहम निर्णय

  • छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक-2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया
  • राज्य शासन द्वारा वर्ष 2012 में राज्य के ग्रामीण अंचलों के त्वरित और सर्वांगींण विकास की पूर्ति के लिए वर्तमान में विकास कार्यो की स्वीकृति के लिए गठित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया.
  • छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वर्ष 2013-14 के क्रियान्वयन के संबंध में प्रदेश में नशा मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के लिए छत्तीसगढ़ शराब व्यसन मुक्ति अभियान (भारत माता वाहिंनी योजना) को समाज कल्याण विभाग को सौंपने का निर्णय लिया गया.
  • भारत सरकार, जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा ‘जल जीवन मिशन’ के क्रियान्वयन के संबंध में निर्णय लिया गया कि-जल जीवन मिशन के संपूर्ण टेण्डर (ईओआई) को निरस्त करके भारत सरकार के निर्देशानुसार कार्यवाही की जाए.
  • औद्योगिक नीति 2019-24 में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमति दी गई, जिसमें राज्य के वनोपज, हर्बल तथा वन पर आधारित अन्य उत्पादों का प्रसंस्करण, खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्माण और मूल्य संवर्धन के कार्य राज्य में ही किए जाने को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज (वनांचल उद्योग पैकेज) का अनुमोदन किया गया.

टकराहट के लिए नहीं किसानों की मदद के लिए कानून’

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है कि हमारा कृषि कानून किसानों से हित के लिए है, केंद्र से टकराहट के लिए नहीं है. मंडी एक्ट में संशोधन के लिए चर्चा हुई है, जिसे विधानसभा के विशेष सत्र में पेश किया जाएगा.

‘विपक्ष का काम है विरोध करना’

रविंद्र चौबे ने यह भी कहा कि पंजाब के जैसे कानून बनाता तो शायद ये बातें हो सकती थी. एग्रीकल्चर ट्रेड के आधार पर सभी कानून बनाए गए हैं. राज्य की सूची में कृषि शामिल है. केंद्र सरकार से टकराहट के लिए कानून नहीं है, बल्कि किसानों की मदद के लिए है.

‘जरूरत पड़ी तो कर्ज लेंगे’

राजीव गांधी किसान योजना की तीसरी किश्त की राशि 1 नवंबर को जारी की जाएगी. कृषि मंत्री के मुताबिक जरूरत पड़ी तो सरकार कर्ज भी लेगी.

‘जल जीवन मिशन योजना की पुरानी प्रक्रिया निरस्त’

रविंद्र चौबे ने बताया कि केंद्र सरकार के गाइडलाइन के अनुरुप जल जीवन मिशन की प्रक्रियाएं बनाई जानी चाहिए. पुरानी प्रक्रिया को निरस्त किया गया है.