बेमेतरा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : छत्तीसगढ़ शासन कृषि विकास, किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग रायपुर ने बेमेतरा-जिला को इफ्को जिला घोषित किया गया है. इसका लाभ आने वाले दिनों में जिले के किसानों को मिलेगा. बेमेतरा जिला कृषि एवं उद्यानिकी के क्षेत्र में अग्रणी है, यहां दलहन-तिलहन की खेती की विशेष पहचान है. यहां के कृषक प्रगतिशील हैं, जो उन्नत खेती करते हैं. यहां सब्जियों, फल-फ्रूट की भी खेती की जाती है, इसलिए छत्तीसगढ़ शासन कृषि मंत्रालय ने जिले को इफ्को जिला घोषित किया है. इसका फायदा भविष्य में किसानों को मिलेगा.
बेमेतरा किसान
कृषि विभाग के उपसंचालक एमडी मानकर ने बताया कि जिले में उर्वरक की खपत वर्तमान खरीफ में अब तक 62 हजार 394 मी.टन हो गया है. यहां उर्वरकों का भण्डारण रेलवे रेक पाइंट भाटापारा, तिल्दा, सिलयारी, रायपुर से छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ एवं निजी डिलरों को किया जाता है. इसके बाद सेवा सहकारी समितियों में भण्डारित होता है. इसमें परिवहन व्यय अधिक होता है. इसको दूर कर रेक पॉइंट से सीधे समितियों में उर्वरकों का भण्डारण किया जायेगा. साथ-साथ इफ्को कंपनी की तरफ से उन्नत तकनीक प्रदर्शन आयोजन एवं कृषक प्रशिक्षण आयोजन किया जाएगा. साथ ही उक्त कंपनी द्वारा उर्वरक प्रदाय के साथ-साथ कृषकों को अधिकतम रुपये 1 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा कवर करती है.
बेमेतरा किसान
फसलों के उत्पादन में वृद्धि मुख्य उद्देश्य
इसका उद्देश्य उच्च गुणवत्ता युक्त उर्वरक प्रदाय करना, परिवहन व्यय भार में कमी प्रर्दशन एवं प्रशिक्षण के माध्यम से नवीन एवं उन्नत तकनीति से प्रेरित करना है. मृदा स्वास्थ्य के आधार पर संतुलित उपयोग को बढ़ावा देना, कृषि लागत कम करना, फसलों के उत्पादन में वृद्धि करना इसका मुख्य उद्देश्य है.
किसानों को मिलेगा बीमा का लाभ
इफ्को द्वारा स्वयं उत्पादित एवं आयातित उर्वरकों की आपूर्ति सहकारी समितियों में सीधे की जाएगी. उर्वरक आदेश 1985 के अनुसूची के आधार पर उर्वरकों की आपूर्ति की जाएगी. इफ्को कंपनी द्वारा नियमानुसार उर्वरक उठाव करने वाले कृषकों का 4000 एवं अधिकत 1 लाख रुपये का स्वमेव दुर्घटना बीमा करने का प्रावधान है. इस तरह जिला के कृषकों को उर्वरक का सीधा भण्डारण प्रदर्शन प्रशिक्षण एवं दुर्घटना बीमा, उन्नत तकनीक की जानकारी मिलने से लाभ होगा.