सरगुजा (सेंट्रल छत्तीसगढ़): कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह के काफिले की गाड़ी पर कथित हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए वीरभद्र सिंह, सचिन बाबा समेत तीन आरोपियों को जमानत मिल गई है. जमानत पर बाहर आने के बाद वीरभद्र सिंह, सचिन बाबा ने कहा कि आज न्याय दिवस है और हमें न्याय मिला है.
उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि यह एक सोची समझी साजिश थी. जिसमें हमें फंसाया गया. मैं भी कांग्रेस पार्टी का एक पदाधिकारी और कार्यकर्ता हूं और अपनी बातों को पार्टी के सामने रखूंगा. उसके बाद ही बाकी की बातें मैं, सभी के साथ साझा करूंगा.
क्या था मामला
बलरामपुर जिले से अम्बिकापुर आते वक्त कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह के काफिले पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया था. हमले की शिकायत कोतवाली थाने में दर्ज कराई थी. घटना की सूचना मिलने पर आईजी रतन लाल डांगी और सरगुजा एसपी अम्बिकापुर थाने पहुंचे थे. पुलिस ने मामले में तत्परता दिखाते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
विधायक बृहस्पति सिंह अंबिकापुर जा रहे थे. तभी संजय पार्क के पास किसी अज्ञात शख्स से ओवरटेक को लेकर विवाद हो गया. विधायक बृहस्पति सिंह के सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि अज्ञात लोगों ने गाड़ी की चाबी निकालते हुए अपशब्द कहा और गाड़ी का शीशा भी तोड़ दिया. जबकि विधायक और कार्यकर्ता बाल-बाल बच गए. विधायक ने इसकी शिकायत स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.
इस घटना के दौरान विधायक अम्बिकापुर सर्किट हाउस में मौजूद थे. जबकि काफिले में सिर्फ पीएसओ, सुरक्षाकर्मी और कैमरा मैन थे. इस मामले में पुलिस ने वीरभद्र सिंह, धन्नु उरांव और सोनू उर्फ संदीप रजक को विभिन्न धाराओं के साथ ही एसटी- एससी की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था.
वहीं मामले में बड़ा बवाल तब हुआ जब विधायक ने इस घटना को सीधे खुद से जोड़ते हुए, मंत्री टीएस सिंहदेव पर अपनी हत्या कराने का आरोप लगा दिया था.