पटना (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ): बिहार के मुजफ्फरपुर शहर के माडीपुर इलाके के एक प्राइवेट अस्पताल में एक ऐसा केस सामने आया, जिसको देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए. दरअसल महुआ निवासी 55 साल के एक शख्स पेट दर्द और कब्ज की शिकायत लेकर हॉस्पिटल आया था. जब डॉक्टरों ने जांच की तो एक्सरे रिपोर्ट में एक गिलास उसे पेट में दिखा. डॉक्टरों की टीम ने लंबे ऑपरेशन के बाद उस व्यक्ति के पेट से कांच का गिलास निकाला है. हॉस्पिटल प्रबंधन के अनुसार, कांच का गिलास उसके पेट में कैसे पहुंचा, इसकी जानकारी नहीं मिली है, क्योंकि मरीज के दावे के विपरीत इतने बड़े गिलास को निगलना भी संभव नहीं है.
जिस मरीज के पेट से कांच का गिलास निकाला गया है, वह वैशाली जिले के महुआ क्षेत्र का रहने वाला है. ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर महमुदुल हसन ने बताया कि जब वह मरीज आया था, तब उसने पेट दर्द और कब्ज की शिकायत की. अल्ट्रासाउंड और एक्सरे रिपोर्ट से पता चला था कि उसकी आंतों में कुछ गंभीर गड़बड़ी थी. मीडिया के साथ ऑपरेशन और उससे पहले लिए गए एक्सरे का एक वीडियो फुटेज साझा करते हुए हसन ने कहा कि कांच का गिलास उक्त मरीज के शरीर के भीतर कैसे पहुंचा, यह अभी तक एक रहस्य बना हुआ है. हालांकि मरीज ने दावा किया था वह चाय पीने के दौरान गिलास भी गटक गया. उसके दावे पर डॉ. महमुदुल हसन ने कहा ऐसा संभव नहीं है. इंसान की भोजन नली गिलास जैसी किसी वस्तु के जाने के लिए बहुत संकरी है.
मरीज ने दावा किया था कि उसने चाय पीने के दौरान ग्लास को भी गटक लिया था. ऑपरेशन करने वाली टीम के डॉक्टरों का कहना है ऐसा संभव नहीं है.
हसन के मुताबिक, शुरू में एक एंडोस्कोपिक प्रक्रिया के जरिये कांच के गिलास को मलाशय के रास्ते से बाहर निकालने का प्रयास किया गया था, लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिली, लिहाजा डॉक्टरों की टीम को ऑपरेशन करना पड़ा. ऑपरेशन के दौरान मरीज की आंत की दीवार को चीरा लगाकर गिलास निकाला गया. डॉक्टर ने बताया कि ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत स्थिर है. उसके पूरी तरह से दुरुस्त होने में काफी समय लगेगा. फिलहाल सर्जरी के बाद मलाशय को ठीक कर दिया गया है और एक फिस्टुलर ओपनिंग बनाई गई है, जिसके माध्यम से वह मलत्याग कर सकता है.
डॉक्टर महमुदुल हसन ने बताया कि मरीज के पेट के ठीक होते ही फिस्टुला को बंद कर दिया जाएगा और उसकी आंतें सामान्य रूप से काम करने लगेंगी. हालांकि, ऑपरेशन के बाद मरीज को होश आ गया था, लेकिन न तो वह और न ही उसके परिवार के सदस्य मीडिया से बात करने को तैयार थे.