बिलासपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़): बिलासपुर में अपराधियों (criminals) ने अब क्राइम की नई तरकीब ईजाद कर ली है. अपराधी पुलिस या फिर सरकारी अधिकारी (police or government officials) बनकर घटना को अंजाम दे रहे हैं. शहर से बाहर सड़कों पर खड़ी गाड़ियां और अनजान ट्रक चालकों को पुलिस का डर दिखाकर ये अपराधी पैसे वसूली करने लगे हैं. बिलासपुर क्राइम ब्रांच के अधिकारी-कर्मचारी बनकर शहर से बाहर मोपका में ट्रक चालकों और राहगीरों से वसूली करने वाले गैंग के 7 सदस्यों को सरकंडा पुलिस ने गिरफ्तार (Arrested) कर लिया है. सभी के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
जानकारी के अनुसार बिलासपुर का जैकी कुमार ट्रांसपोर्टिंग का काम करता है. वह अपने हाईवा (ट्रक) में गिट्टी लोड कर चिल्हाटी की ओर जा रहा था, तभी मौपका चिल्हाटी मोड़ के पास कुछ लड़कों ने जबरन हाइवा रुकवा ली. अपने आप को क्राइम ब्रांच का स्टाफ बताकर वो लड़के जैकी को डराने-धमकाने लगे. मोबाइल में ‘नेशनल क्राइम7 ब्रांच’ की ‘आईडी-कार्ड’ दिखाकर धक्का-मुक्की किया और गाली-गलौज करते हुए 5 हजार रुपये मांगने लगे.
पीड़ित जैकी कुमार ने मामले की जानकारी सरकंडा पुलिस को दी. उसकी रिपोर्ट पर सरकंडा पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर थाना सरकंडा की टीम बनाकर आरोपियों की तलाश में लगा दी. पुलिस ने आरोपी रामप्रसाद ध्रुव निवासी मोपका, दीपक ध्रुव निवासी खमतराई, पुरुषोत्तम सिंह निवासी देवनंदन नगर सरकंडा बिलासपुर, अमित सिंह निवासी देवनंदन नगर सरकंडा और एक नाबालिग से पूछताछ की गई. इन सब ने बताया कि लगरा बिलासपुर का रहने वाला भीम कुमार पटेल और दीपका कोरबा निवासी जनक दीवान ने मोबाइल में लिंक क्रिएट कर ऐप के माध्यम से नेशनल क्राइम ब्रांच की आईडी तैयार की. उसके आधार पर अपने आप को क्राइम ब्रांच का सदस्य बताते हुए घटना को अंजाम दिया था. आरोपियों के पास से एक मोटरसाइकिल, 7 मोबाइल फोन और एक कार बरामद की गई है.