महासमुंद(सेंट्रल छत्तीसगढ़): बिना अनुमति के अनशन पर बैठने वाले जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोंदले को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत पुलिस ने गिरफ्तार किया है. फिलहाल मेडिकल जांच के बाद उन्हें एसडीएम न्यायालय में पेश किया जाएगा.
दरअसल, जिला अधिकारी बोंदले अपने ही विभाग में हुए भ्रष्टाचार को लेकर धरने पर बैठे थे. उनका आरोप है कि विभागीय योजना में हुए भ्रष्टाचार और घोटाले की जांच के बावजूद दोषी शासकीय कर्मी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने इसके लिए विभाग के बड़े अधिकारियों पर भी आरोप लगाया है. दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए घर में अनशन शुरू किया था. लेकिन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
बिना अनुमति किया अनशन
महिला एवं बाल विकास विभाग में पिछले 2 वर्षों से मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना और रेडी टू ईट योजना में 30 लाख की गड़बड़ी हुई है. इस घोटाले को जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने उजागर किया था. उन्होंने उच्चाधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. जिससे परेशान होकर जिला महिला बाल विकास अधिकारी ने कलेक्टर से अनशन पर बैठने के लिए अनुमति और स्थान की मांग की, अनुमति न मिलने पर अधिकारी सुधाकर बोंदले अपने घर के पास ही अनशन में बैठ गए.
भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से परेशान था अधिकारी
सुधाकर बोंदले ने मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत मार्च 2020-21 में उपहार सामग्री क्रय की गई. जिसकी कीमत कागज पर 12 हजार बताई गई है. जबकि बाजार में उक्त सामग्री की कीमत लगभग 7000 रुपए है. जिसका मूल्यांकन उन्होंने स्वयं जांच के दौरान किया था. दोनों साल में 10-10 लाख की गड़बड़ी सामने आई है.
रेडी टू ईट में भ्रष्टाचार
महासमुंद ब्लॉक के 15 सेक्टरों में वितरित रेडी-टू-ईट में 11 में गुणवत्ता विहीन रेडी-टू-ईट फूड पाया गया. चना की जगह गेहूं की मात्रा अधिक मिली. हितग्राहियों में गुणवत्ता वाले और गुणवत्ता विहीन सामग्री की स्वास्थ्य चखाकर परीक्षण किया गया . रेडी-टू-ईट में लगभग 10लाख की गड़बड़ी सामने आई है. जिसकी जांच के बाद प्रतिवेदन उच्च अधिकारी को प्रेषित किया गया पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.