रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी (Chhattisgarh Paddy Purchase 2021) शुरू हो गई. धान खरीदी शुरू होते ही आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गया है. छत्तीसगढ़ में बारदानों की कमी (shortage of gunny bags in Chhattisgarh) बनी हुई है. जिसे लेकर भूपेश बघेल ने सीधे-सीधे केंद्र पर हमला बोलते हुए बारदाना उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया है. इधर रमन सिंह ने केंद्र की तरफ से जवाब देते हुए भूपेश बघेल को ही असफल मुख्यमंत्री कह दिया है.
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल 1 करोड़ मीट्रिक टन धान खरीदने की योजना बनाई है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या बारदाने की आ रही है. सीएम भूपेश बघेल ने बारादाना उपलब्ध नहीं कराने को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है. भूपेश बघेल ने कहा कि ‘बारदाना उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भारत सरकार की है. जूट कमिश्नर बारदाना उपलब्ध कराते हैं. हमने डिमांड दी थी, लेकिन वे पूर्ति नहीं कर पाए. पिछले साल भी कोरोना के कारण स्थिति निर्मित हुई थी. किसानों से बारदाना लेकर, व्यापारियों से बारदाना लेकर साथ ही पीडीएस चावल से खाली हुए बारदाने के जरिए 92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा था. इस साल 1 करोड़ मीट्रिक टन धान से ऊपर तक जाने की उम्मीद है. यदि भारत सरकार बारदाना उपलब्ध नहीं कराती है तो हमारे पास बाध्यता है कि फिर से किसानों से, व्यापारियों से, राइस मिलर्स से, पीडीएस से सभी से मिलाकर पूर्ति करेंगे’. धान खरीदी शुरू होने से एक दिन पहले मंगलवार को छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने भी कहा था कि ‘केंद्र की तरफ से बारदाना उपलब्ध नहीं कराया गया है. जिसकी वजह से पुराने बारदानों में ही धान खरीदी की जाएगी.’
भूपेश बघेल असफल मुख्यमंत्री: रमन सिंह
केंद्र पर भूपेश बघेल के आरोपों पर पलटवार करते हुए पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि ‘भूपेश बघेल ऐसे मुख्यमंत्री है जो जहां भी असफल होते हैं वे इसका दोषी केंद्र को ठहराते हैं. बारदाने की जिम्मेदारी भी उन्होंने केंद्र पर डाल दी हैं. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आने के बाद धान खरीदी की पूरी व्यवस्था को ही खत्म कर दिया गया है. बारदाने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. टोकन के लिए पहले दिन से ही भगदड़ मचने से लोग घायल हो रहे हैं और ऊपर से यह भी कह दिया गया कि एक हफ्ते बाद बोरी खत्म हो जाएगी, जिसकी वजह से खरीदी व्यवस्था भी पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी.’ रमन सिंह ने ये बयान मध्य प्रदेश के रीवा जिले में दिया था.