रायपुर (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विभाग ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के झूठे, फर्जी और गलत प्रमाण-पत्रों के आधार पर नियुक्तियां प्राप्त करने और शासकीय सेवकों की सेवाएं तत्काल समाप्त करने के लिए सभी विभागों के नाम परिपत्र जारी किया है. यह पत्र मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर जारी किया गया है.
हाल ही में सर्व आदिवासी समाज ्के् प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात के दौरान इस मुद्दे की ओर उनका ध्यान आकर्षित करते हुए कार्रवाई का अनुरोध किया था. उद्योग मंत्री कवासी लखमा से भी इस मुद्दे पर सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने चर्चा की थी.
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा शासन के सभी विभागों, सभी संभागीय आयुक्तों, सभी विभागाध्यक्षों, सभी जिला कलेक्टरों, जिला पंचायतों के सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के नाम आदेश जारी किया गया है. जिसमें फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वालों पर कार्रवाई की बात कही गई है. मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देश के अनुपालन में विभागों से संबंधित ऐसे प्रकरण जिनके जाति प्रमाण, जाति प्रमाण-पत्र छानबीन समिति द्वारा फर्जी अथवा गलत पाए गए हैं. उन्हें तत्काल सेवा और महत्वपूर्ण पदों से पृथक किया जाए.
ऐसे संपूर्ण प्रकरणों में महाधिवक्ता, छत्तीसगढ़ के माध्यम से शीघ्र सुनवाई करने के लिए उच्च न्यायालय से अनुरोध किया जाए. ऐसे प्रकरण जिनमें न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त नहीं है, उन्हें तत्काल सेवा से बर्खास्त किया जाए.
परिपत्र में कहा गया है कि सेवा समाप्ति का आदेश जारी करने के पूर्व प्रशासकीय विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में कैविएट दायर किया जाए. जिन प्रकरणों में न्यायालय का स्थगन प्राप्त हो, उनमें सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुसार विधि विभाग द्वारा समीक्षा की जाए और प्रशासकीय विभाग द्वारा स्थगन समाप्त करने की कार्रवाई तत्परतापूर्वक की जाए.
सामान्य प्रशासन विभाग ने संबंधित फर्जी अथवा गलत जाति प्रमाण-पत्र धारकों के विरुद्ध की गई कार्रवाई की जानकारी सात दिनों के भीतर स्वयं को तथा आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने को कहा है.