कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़) : जिले के पाली मुख्यमार्ग पर स्थित निजी अस्पताल विनायक हॉस्पिटल में ताज़ा मामला सामने आया है कि पाली निवासी गिरिजा शंकर जायसवाल कोरोना संक्रमित होने को वजह से उनकी तबियत खराब होने पर उनके परिजनों ने विनायक हॉस्पिटल में भर्ती कराया जहां शाम को अस्पताल की व्यवस्था को देखते हुए परिजनों ने वहां से डिस्चार्ज करा लिया. लेकिन भर्ती कराते समय अस्पताल द्वारा गिरिजाशंकर जायसवाल के पुत्र तिलक जायसवाल व भांजा धर्मेंद्र जायसवाल से 2 दिनों के हिसाब से 20 हज़ार जमा करवाये थे जिसकी रसीद भी दी गई. लेकिन शाम को डिस्चार्ज कराने के बाद जब उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से हिसाब पूछा तो उन्होंने कहा कल सुबह आकर हिसाब ले लेना. जब सुबह धर्मेंद व तिलक जायसवाल विनायक हॉस्पिटल पहुँचे तो स्टाफ ने कहा कि शाम को आकर हिसाब लीजिएगा. शाम पर जब दोनों अस्पताल पहुँचे तो हॉस्पिटल स्टाफ बालकेश्वर श्रीवास्त से हिसाब मांगा और उनसे सिर्फ इतना कहा कि हॉस्पिटल में 24 घण्टे का बेड चार्ज जुड़ेगा न, इतना ही कहते ही बालकेश्वर श्रीवास्तव आक्रोशित होकर अपने आपको हॉस्पिटल का बॉस बताते हुए रिसेप्शन का दरवाजा बंद कर गाली गलौज करने लगा और तिलक जायसवाल के साथ मारपीट की और चश्मा को भी तोड़ दिया. तथा अस्पताल से बाहर भी मारपीट की.
कोरोना काल में इस समय पर प्रदेश के साथ साथ जिले के भी कई निजी अस्पतालों को कोविड हॉस्पिटल में तब्दील किया गया है. निजी अस्पताल विनायक हॉस्पिटल की इस घटना से अस्पताल स्टाफ की दबंगई से गरीब लोगों का क्या हाल होता होगा . विनायक हॉस्पिटल की गुंडागर्दी से साफ अंदाज़ा लगाया जा सकता है कोविड हॉस्पिटल में इस तरह की अस्पताल प्रबंधन की दबंगई आम जन मांनस भावनाओं के साथ खिलवाड़ होने जैसा है.
फिलहाल धर्मेंद्र जायसवाल व तिलक जायसवाल ने इसकी शिकायत पाली थाना में दर्ज करा दी गई है अब देखने वाली बात होगी कि इस घटना पर पाली पुलिस क्या कार्यवाही करती है. या विनायक हॉस्पिटल की गुंडागर्दी इसी तरह चलते रहेगी.