कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़) : आसपास के कई ग्राम पंचायतो खैरा डुबान, मुंनगाडीह, बकसाही,चेपा हरनमुड़ी, डोंगनाला दमिया आदि पंचायतों के किसानों के द्वारा मांग पुरजोर रूप से गति पकड़ रही है, आसपास के ग्रामों के किसानों का मुख्य धंधा केवल खेती ही है ,इसी से जीविका ,रोजी रोटी चलती है पाली में अपनी फसल लाने तथा बेचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, कई कई दिनों तक अपनी बारी का इंतजार करते किसानों के पसीने छूट जाते हैं, फसल की चोरी तथा प्राकृतिक आपदा में भी नुकसान होने से इनकार नहीं किया जा सकता,इससे पहले किसानों ने मौखिक तथा लिखित में अपनी व्यथा वैद्य श्री जानकी पुलस्त के माध्यम से शासन को अवगत करा चुके हैं ,परंतु हल अभी तक नेपथ्य में ही है श्री जानकी पुलस्त किसान पुत्र भी है इन्होंने श्री बैजनाथ चंद्राकर सहकारिता अध्यक्ष को ज्ञापन सौंप चुके हैं,इसी तरह मंत्री अमरजीत सिंह भगत खाद्य एवं सांख्यिकी को भी ज्ञापन के माध्यम से जनहित में बात रखी गयी है,लेकिन सकारात्मक उत्तर व कार्यवाही शून्य है,
ग्राम बकसाही में कृषि उपज मंडी के प्रारंभ होने से 7 पंचायतों के क्षेत्र की हजारों जनता व किसानों को अपनी पैदावार को समर्थन मूल्य में बेचने हेतु परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा, मंडी के प्रारंभ होने से किसानों के लिए दूरी कम हो जाएगी जिससे वाहन खर्च सीमित हो जाएंगे, साथ ही भीड़भाड़ एवं आपाधापी से भी निजात मिलेगी, जिससे यहां के किसानों द्वारा दोगुने उत्साह के साथ धान के सकेंगे,यदि इस पर शासन द्वारा अमल किया जाता है तो क्षेत्र की जनता के लिए पुण्य का काम होगा!
क्षेत्र की जनता हरनमूड़ी से गणेश कंवर,लक्ष्मी नारायण जगत,चेपा से श्रवण कुमार, चैतू , जानकी पुलस्त,हरन मुड़ी,डोंगानाला रामफल पटेल,मुनगाडीह से लखन डिक्सेना,श्री विष्णु डीकसेना,पुरुषोत्तम टेकाम, दयाराम टेकाम बकसाहि,श्री बुधवार,श्री लक्ष्मण,आदि किसानों ने भी एक स्वर में मंडी प्रारम्भ करने की मांग की है!