कोरबा/पाली;( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ): एसईसीएल कोरबा क्षेत्र अंतर्गत पाली ब्लाक के ग्राम करतला (करतली) में अंबिका ओपनकास्ट परियोजना खोला जाना है. इसके लिए ग्राम करतली की जमीन अधिग्रहित तो की गई लेकिन किसानों में इस बात की नाराजगी है. जिसे लेकर मंगलवार को करतली में ग्रामीणों द्वारा बैठक आयोजित की गई. जिसमें क्षेत्रीय विधायक मोहितराम केरकेट्टा मुख्य रूप से शामिल हुए तथा भुविस्थापित ग्रामीणों ने अपनी समस्या से अवगत कराया तथा नायब तहसीलदार शनि कुमार पैकरा व वीरेंद्र श्रीवास्तव पर ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा ग्रामीणों पर भू अर्जन मामले पर दबाव बनाते हुए धमकाया जा रहा है
ग्रामीणों ने विधायक मोहितराम केरकेट्टा को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि कुछ दिनों पूर्व नायब तहसीलदार के द्वारा ग्रामीणों को नोटिस जारी करते हुए एक बैठक बुलाई और करतली सरपंच पर दबाव बनाते हुए सभी ग्रामीणों पर भू अधिग्रहण की सहमति के लिये दबाव बनाकर धमकाया जा रहा है. जबकि उनकी जमीन को पूरा अधिग्रहण न कर कुछ हिस्से को छोड़ दिया जा रहा है जिससे उनके सामने अब ये समस्या आ खड़ी हुई है कि बची हुई जमीन पर न तो वे खेती कर सकते है और न ही किसी उपयोग में आ रही है. इसका सीधा फायदा एसईसीएल को हो रहा है. ग्रामीणों ने विधायक को बताया कि नायब तहसीलदार द्वारा एसईसीएल प्रबंधन से सांठगांठ कर उनके ऊपर दबाव बनाया जा रहा है. ग्रामीणों ने विधायक को बताया कि जब तक प्रबंधन उनके पूरी जमीन का भू अर्जन नहीं करता तब तक यहां खदान खोलने नहीं दिया जाएगा.
नायब तहसीलदार पर होगी कार्यवाही, ग्रामीणों के साथ एसईसीएल की तानाशाही नहीं कि जाएगी बर्दास्त.
करतला ( करतली ) में एसईसीएल द्वारा अम्बिका परियोजना पर ग्रामीणों के भूअर्जन में प्रबंधन व नायब तहसीलदार द्वारा किये जा रहे भर्रासाहि रवैये को लेकर क्षेत्रीय विधायक मोहितराम केरकेट्टा ने कहा कि छ्त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा जिस तरह बस्तर के लोहंडीगुड़ा में टाटा स्टील प्लांट के लिए करीब 10 साल पहले किसानों से ली गई जमीन उन्हें वापस दिलाई जाएगी. बता दें कि देश में यह पहला मामला है, जहां उद्योग के लिए अधिग्रहित जमीन किसानों को वापस दिलाई जा रही है. विधायक श्री केरकेट्टा ने बताया कि एसईसीएल प्रबंधन व नायब तहसीलदार की शिकायत उनके द्वारा छ्त्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की गई है. और साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि अम्बिका परियोजना को चालू करना है तो प्रबंधन ग्रामीणों की जमीन का सही तरीके से भूअर्जन कर उन्हें मुआवजा तथा पुनर्वास की सुविधा दे नहीं तो किसानों की अधिग्रहित जमीन उन्हें वापस दिलाई जाए.