पाली :11 kv विद्युत तार की चपेट में आकर आधा दर्जन मवेशियों की हुई अकाल मौत.. विद्युत विभाग के अधिकारियों के खिलाफ ग्रामीणों में जमकर आक्रोश

कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़) : पाली ब्लॉक के समीपस्थ ग्राम में विद्युत विभाग की लापरवाही ने आधा दर्जन मवेशियों को अकाल मौत की नींद सुला दी। घटना को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है ।

इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सीस में 11 केवी विद्युत तार काफी नीचे तक लटक कर झूल रहा था, जिसे लेकर ग्रामीणों ने दुर्घटना की आशंका जताई थी और और इसकी सूचना ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को लिखित व मौखिक रूप से दी थी। इसके बावजूद समय रहते विद्युत विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की। आज प्रातः मवेशी खेत में चर रहे थे इसी दौरान बिजली खंभे से तार टूटकर मवेशियों के ऊपर गिर गया जिससे घटनास्थल पर ही आधा दर्जन मवेशी अकाल मौत का शिकार हो गए। गनीमत रहा कि इस दौरान कोई व्यक्ति विद्युत तरंगित तार की चपेट में नहीं आया अन्यथा य़ह जानलेवा हो सकता था। विभाग की लापरवाही से ग्रामीणों में असंतोष और आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों ने उचित मुआवजा और कार्रवाई की मांग की है।

जमीन से पांच फीट ऊंची गुजर रही मौत

ग्राम सीस के खेतों में लगे खम्भों में 11 केवी के पूरी तरह अस्त व्यस्त हैं और तार जमीन से काफी नीचे झूल रहे हैं। आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि कई बार इन लटकते तारों से हादसे भी हो चुके हैं। इसकी शिकायत कई बार विद्युत विभाग के सहायक अभियंता से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा बताया जा रहा है कि विद्युत विभाग के संबंधित अधिकारी और कर्मचारी हम लोगों की इस दुर्दशा को देखने तक नहीं आते, और यहां छोटे-छोटे बच्चे खेलते रहते हैं और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है लेकिन अधिकारी कभी भी इस मामले को संज्ञान में नहीं लेते यहां पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

बिजली विभाग आज भी सुरक्षा के स्तर पर असंतोषजनक साबित

हालांकि भारत ने हर क्षेत्र में प्रगति की है लेकिन कुछ क्षेत्र अभी भी ऐसे हैं जहां स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। इनमें बिजली विभाग भी एक है। इसने पिछले कुछ वर्षों में कुछ क्षेत्रों में तरक्की तो की है लेकिन सुरक्षा के स्तर पर इसकी हालत अभी भी बहुत असंतोषजनक है। लोगों की आम शिकायत है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद जर्जर, ढीले-ढाले तथा झूल रहे तारों को जल्दी ठीक नहीं किया जाता और न ही टूट कर गिरे हुए तारों को जल्दी उठाया जाता है।

तेज हवा के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं जिनसे बचने के लिए विदेशों की भांति अंडरग्राऊंड तार बिछाने की आवश्यकता है परन्तु हमारे यहां इस दिशा में कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है। जहां तक नागरिक आबादी वाले इलाकों के ऊपर गुजर रहे तारों के जाल का संबंध है, ये दुर्घटनाएं सही ढंग से जोड़ न लगाने से हो रही हैं। अत: जब तक अधिकारी इस समस्या को दूर करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन नहीं करेंगे तब तक इस प्रकार की दुर्घटनाएं होती ही रहेंगी। इसके साथ ही बिजली के तार टूटने आदि के परिणामस्वरूप करंट लगने से होने वाली दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजा देने व दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए कठोर दंड का प्रावधान करने की भी जरूरत है।