पांच वर्षों से लंबित मुआवजा प्रकरणों का तीन महीने में निपटारा, मिली पौने छह करोड़ रूपए की क्षति पूर्ति


कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):- जिले में कलेक्टर रानू साहू की संवदेनशील पहल पर पिछले पांच सालों से लंबित प्राकृतिक आपदा से क्षतिपूर्ति के प्रकरणों को तेजी से निपटाया गया है। पिछले तीन महीने में ही 366 प्रकरणों का त्वरित निराकरण किया गया है। राजस्व पुस्तिका परिपत्र 6-4 के तहत प्राकृतिक आपदाओं से जनहानि, पशुहानि, फसलक्षति, मकानक्षति आदि प्रकरण लंबे समय से छोटे-छोटेक कारणों से लंबित थे। कलेक्टर की पहल पर तेजी से निराकरण से इन प्रकरणों से जुड़े प्रभावितों को पांच करोड़ 74 लाख रूपए से अधिक की राशि क्षतिपूर्ति के रूप में दी गई है। इन प्रकरणों में 139 प्रकरणों में जनहानि पर आश्रितों को पांच करोड़ 56 लाख रूपए मुआवजा दिया गया है। लंबे समय से लंबित प्रकरणों में मुआवजा राशि जारी होने से प्रभावित परिवारों को जीवन-यापन सहित अन्य जीवन उपयोगी गतिविधियों के लिए बड़ी मदद मिलेगी।
राजस्व विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्व पुस्तिका परिपत्र 6-4 के तहत कई प्रकरण जांच प्रतिवेदन, वारिसान रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे छोटे-छोटे दस्तावेजों की कमी के कारण लंबे समय से लंबित थे। जनहानि के मामलों में भी तीन प्रकरण वर्ष 2017 से, आठ प्रकरण 2018 से, 35 प्रकरण 2019 से, 73 प्रकरण 2020 से लंबित थे। ऐसे सभी लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण के निर्देश कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने राजस्व अधिकारियों को समय-समय पर बैठक में दिए थे। कलेक्टर के निर्देश पर प्रकरणों का पुनः निरीक्षण कर जरूरी दस्तावेज एवं अन्य कार्रवाईयां पूरी कर क्षतिपूर्ति वितरण के लिए स्वीकृत कर दिए गए हैं। जनहानि के प्रकरणों में कोरबा तहसील में 53, करतला तहसील में सात, कटघोरा तहसील में 18, दर्री तहसील में 10, पाली तहसील में 20, हरदीबाजार तहसील में 04 और पोड़ी उपरोड़ा तहसील में 27 लंबित प्रकरणों का निराकरण कर पांच करोड़ 56 लाख रूपए की क्षतिपूर्ति जारी की गई है। पशुहानि के 69 प्रकरणों में 13 लाख 87 हजार रूपए, 155 मकान क्षति के प्रकरणों पर चार लाख 66 हजार रूपए और फसल क्षति के तीन प्रकरणों पर 27 हजार रूपए का मुआवजा भी स्वीकृत कर दिया गया है।