बालाघाट सेंट्रल छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बैंक फ्रॉड और क्लोन चेक के माध्यम से करोड़ों रुपए की चपत लगाने का मामला सामने आया है. छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. इस गिरोह के तार बालाघाट से भी जुड़ते दिखाई दे रहे है. इस मामले में आरोपियों ने सात क्लोन चेक भुनाकर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की ठगी की है. इसी तरह की शिकायतें बालाघाट के केनरा बैंक से भी पुलिस के पास पहुंची थी. जिसकी जांच चल रही है. इस गिरोह के पकड़ाने के बाद कबूलनामे में बालाघाट में भी ठगी किए जाने की बात सामने आई है.
- मध्य प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ की बैंकों से निकाले पैसे
पुलिस सूत्रों के अनुसार बीते दिनों केनरा बैंक बालाघाट शाखा से शिकायत पहुंची थी कि उनके यहां फर्जी और क्लोन चेक आया है. जिसमें चेक के माध्यम से करोड़ों रुपए की राशि निकालने की जानकारी है. हालांकि इस बारे में पुलिस और बैंक प्रबंधन दोनों ही कुछ कहने से बच रहे है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गौतम सोलंकी ने बताया कि बैंक की शिकायत पर जांच प्रारंभ की गई है और इसके खुलासे के लिए मुंबई तक मुख्य व्यक्ति को संपर्क किया जा चुका है. जिसमें अभी कुछ कहना जल्दबाजी है. इस मामले में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गिरोह का भंडाफोड़ बीते दिनों हुआ. जिसमें मुख्य आरोपियों ने मध्य प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ के कुछ बैंकों में क्लोन चेक के माध्यम से करोड़ों की राशि निकाले जाने का कबूलनामा दिया है. आरोपियों की निशानदेही बालाघाट को लेकर भी है बताया गया कि उन्होंने केनरा बैंक से भी क्लोन चेक से राशि निकाली है और इसका खुलासा पुलिस जांच में हो सकता है.
- केनरा बैंक प्रबंधक था मास्टर माइंड
रायपुर के केनरा बैंक टाटीबंध शाखा में बिहार की साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड और बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कापोरेशन लिमिटेड के सात क्लोन चेक भुनाकर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की ठगी करने वाले गिरोह ने क्लोन चेक से बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश के दस से अधिक बैंकों को करोड़ों की चपत लगाई है. गिरोह के निशाने पर सरकारी कंपनियों के बैंक खाते रहते थे. इस मामले में टाटीबंध केनरा बैंक शाखा के बैंक प्रबंधक और मास्टरमाईंड करोड़ीनाका नागपुर निवासी सुहास हरिशचंद्र काले को गिरफ्तार किया गया है. जबकि इसी गिरोह से जुड़े सरगना नागपुर निवासी शमीम और रमेश ठाकरे क्लोन (नकली) चेक बनाने में माहिर है.
- दस से अधिक बैंकों को लगाई करोड़ों की चपत
तीनों आरोपी मिलकर चेक को अपने खुफिया अड्डे पर कंप्यूटर की मदद से बनाते थे. इसकी डिजाइनिंग और पेपर क्वालिटी असली चेक की तरह होती है, जिसके कारण बैंक कर्मी भी धोखा खाकर फर्जी चेक को पकड़ नहीं पाते थे. इसी का फायदा उठाकर गिरोह ने बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश के दस से अधिक बैंकों को करोड़ों की चपत लगाई है. फरार आरोपितों के पकड़े जाने से गिरोह के कई और नए कारनामे खुलने की संभावना है. गिरफ्तार आरोपियों ने बताया है कि उन्होंने मध्य प्रदेश के सिवनी, छिंदवाड़ा, कटनी, बालाघाट, इंदौर, भोपाल, झारंखंड के रामगढ़, बिहार की राजधानी पटना समेत अन्य राज्यों के बैंकों में क्लोन चेक के माध्यम करोड़ों की रकम निकाली है.
- छत्तीसगढ़ में पकड़ाया गिरोह
बालाघाट के केनरा बैंक से पुलिस के पास पहुंची इसी तरह की शिकायत में इसी गिरोह का हाथ होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। अगर सभी आरोपियों की गिरफ्तारी होगी तो फिर जालसाजी के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश होगा. क्योंकि इस गिरोह की योजना केनरा बैंक में 3 करोड़ से अधिक राशि क्लोन चेक के माध्यम से फर्जी आहरण करने के बाद बैंक ऑफ इंडिया और अन्य बैकों की ओर भी थी, लेकिन समय रहते इस गिरोह का छत्तीसगढ़ में पर्दाफाश हो गया.