धमतरी( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ): अप्रैल का महीना शुरू होने के साथ अब लोगों को तेज गर्मी ने अपना एहसास दिलाना शुरू कर दिया है. जिसका असर सड़कों पर दिखाई पड़ने लगा है तो वही गर्मी शुरू होते ही सूरज की तल्खी और तापमान में बढ़े पारा की वजह से धमतरी जिले में आम की फसलों को इससे भारी नुकसान पहुंच रहा है. हालांकि ये गर्मी या फिर कोई दूसरी वजह से हो रहा है ये किसानों के समझ से बाहर है. लेकिन आलम ये है कि आम समय से पहले ही गिरने लगे है. ऐसे में आम के गिरने से आम उत्पादकों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. लिहाजा अब किसानों के चहरे से खुशी गायब हो गयी है.
पेड़ों से गिरने लगे आम
उम्मीद थी कि इस बार आम का उत्पादन कई सालों के मुकाबलेे बेहतर होगा. लेकिन आम के फल अभी से ही गिरने लगे है. जिसको लेकर किसान परेशान है. दरअसल जिले के चनागांव में 13 किसानों और स्वयं सहायता समूह ने शासन के सहयोग से साल 2009 में तकरीबन 25 एकड़ में विभिन्न वैरायटी दशहरी, लंगड़ा, मलिका, आम्रपाली, बैगन फल्ली, तोता फल्ली, बॉम्बे ग्रीन, चौसा, बारहमासी सहित अन्य आम की फसल लगाई. पिछले कुछ सालों तक किसान और समूह के सदस्य धमतरी जिले के अलावा अन्य जिलों सहित दीगर राज्यों में आम बेचकर अच्छी आमदनी भी कमाई. किसान आम बेचकर डेढ़ लाख से लेकर 2 लाख तक कमाई कर लेते थे लेकिन इस बार कमाई पर ग्रहण नजर आ रहा है.
कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेने की तैयारी
हर साल की तरह इस साल भी आम के पेड़ बौर से लद गए थे. किसानों को पिछले साल की तरह इस साल भी आम की फसल अच्छी होने की उम्मीद थी लेकिन उम्मीद के मुताबिक इस बार आम की फसल उतना अच्छा नहीं हुई है. थोड़ा बहुत हुआ भी है तो वह तेज गर्मी या फिर किसी बीमारी के कारण पेड़ों से झड़ने लगे है. किसानों का कहना है कि यही हाल रहा तो उन्हें बहुत नुकसान का सामना करना पड़ेगा. भारी मात्रा आम के फल गिरने से परेशान किसान अब कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लेने की तैयारी में है.
मौसम पर निर्भर आम
विभागीय अधिकारियों और कृषि के जानकर कहते है कि आम के उत्पादन को लेकर किसानों को समय-समय पर सलाह दी जाती है कि वे कृषि वैज्ञानिकों के अनुरूप इसका व्यापक प्रबंधन और पर्याप्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराए ताकि आम के पेड़ों को दीमक या अन्य बीमारियों से बचाएं जा सके. हालांकि विभागीय अधिकारियों का मानना है कि जिले में इस बार आम की फसल अच्छी हुई है. मौसम ने साथ दिया तो उत्पादन भी अच्छा होगा.
धमतरी जिले में 2 से 3 हजार एकड़ में आम की फसल लगाई जाती है. यहां देसी के अलावा हाई ब्रीड के आम जैसे चौसा, लंगड़ा, दशहरी, फजलीह, हिमसागर, गुलाब खास, बाम्बेग्रीन जैसी उन्नत प्रजातियों के आम का भी अच्छा उत्पादन होता है. देसी आमों की खपत स्थानीय बाजार में ही हो जाती है. उच्च प्रजाति के आम का निर्यात क्षेत्र के किसान जिले से लगे अन्य इलाकों में करते है. यही वजह है कि हर साल आम का रकबा बढ़ रहा है. यदि इस बार मौसम साफ रहा तो इस बार भी अच्छे फसल आने की संभावना है.
बहरहाल अगर पैदावार उम्मीद के अनुरूप रहा तो किसानों को अच्छी कमाई हो सकती है. क्योंकि गर्मी के सीजन में रसीले मीठे आमों की खूब डिमांड होती है. यदि इस बार आम के फसल का नुकसान होगा तो लोग आम के रसीले खट्टे-मीठे स्वाद से वंचित रह जाएंगे.