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कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : चुनाव क्या जीता, सांसद मैडम तो सातवें आसमान पर जा चढ़ी। हवा में ऐसे उड़ती रहीं कि कोरबा की जनता उन्हें पांच साल ढूंढती रही। मुलाकात करनी हो तो लोगों को कोरबा से 200 किलोमीटर दूर रायपुर स्थित बंगले की दौड़ लगाने मजबूर होना पड़ता। दरबार में पहुंच भी गए तो पहले पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की एप्रोच भी जरूरी थी। ऐसे में भला कोरबा की वह जनता, जिसे दो वक्त की रोटी के लिए पूरे दिन मशक्कत करनी पड़ती होगी, वह रायपुर की दौड़ भला कैसे लगाते, किसे अपनी फरियाद सुनाते, यह फिक्र तो कभी की ही नहीं गई। यही वजह रही जो कोरबा की जनता ने बीते विधानसभा चुनाव में कोरबा से कांग्रेस का सफाया कर दिया और अब लोकसभा में सबक सिखाने की बारी है।
श्रीमती ज्योत्सना चरण दास महंत अपने समर्थकों में सांसद मैडम के नाम से लोकप्रिय रहीं। उसकी भी अपनी कुछ खास वजह है। दरअसल उनका रुतबा और रुआब ही कुछ ऐसा है। एक तो सांसद मैडम दशकों से सियासी राजशाही परिवार से हैं, दूसरी जरूरी बात ये कि वह पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व सांसद, स्पीकर ऑफ एसेंबली और फिर विधानसभा नेता प्रतिपक्ष की धर्मपत्नी हैं, जिनकी छाया में उन्हें राजनीतिक जमीन मिली। अब यूं चुटकियों में घर बैठे सत्ता की मिल्कियत मिल जाए, तो रुतबा और रुआब के क्या कहने। यही वजह है जो कोरबा लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सांसद मैडम यानी श्रीमती ज्योत्सना चरण दास महंत ने रायपुर में सत्ता का सुख भोगने में पूरे पांच साल निकाल दिए। यह कोरबा की जनता के साथ धोखा नहीं तो और क्या है? अगर आम जनों को सांसद से कोई काम पड़ जाता था तो उन्हें सांसद मैडम से मिलने रायपुर जाना होता। पर वहां भी आमजनता उनसे निश्चित तौर पर मिल पाएगी, इसकी भी कोई गारेंटी नहीं थी। अगर मुलाकात हो भी गई, तो सांसद मैडम उन्हें पहचान बताने के लिए राजस्व मंत्री से रिकमेंड कराने की बात करतीं। कुल मिलाकर श्रीमती ज्योत्सना चरण दास महंत कोरबा लोकसभा की जनता को पैंडुलम की तरह पूरे पांच साल गोल गोल घुमाते रह गई और कोरबा का विकास तो मानो थम सा गया।
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खुद का परिवार भी नहीं डाल सकता सांसद मैडम को वोट
कोरबा लोकसभा में उनके खुद सांसद मैडम का ही परिवार वोट नहीं डाल सकता। खुद भी सारा गांव शक्ति से है और कोरबा में सियासी प्रोपोगंडा कर जनता को दगा देने और गुमराह करने के अलावा बताने के लिए ऐसा कुछ नहीं है, जो कोरबा के आम जन उन पर दोबारा भरोसा करने की सोचें। इन सब वजह से कोरबा की जनता ने कोरबा विधानसभा में कोरबा का हाल बेहाल करने के जिम्मेदार नगरसेठ और कांग्रेसियों के पूरे कुनबे को विधानसभा चुनाव में धूल चटाया। अब बारी है लोकसभा की है। जनता सब हिसाब बराबर करेगी। बस देखते रहे सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ न्यूज नेटवर्क की अगले अंक ‘पोल खोल’। में !
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