दुर्ग(सेंट्रल छत्तीसगढ़): सोने की तस्करी (smuggling of gold) के मामले में छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स (chhattisgarh chamber of commerce) के प्रदेश उपाध्यक्ष और सराफा कारोबारी प्रकाश सांखला को राजस्व खुफिया निदेशालय (Directorate of Revenue Intelligence) ने रायपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश किया. जहां से कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए सराफा कारोबारी को मध्यप्रदेश के सागर में न्यायिक हिरासत में भेजने की अनुमति दे दी है. रायपुर की अदालत से एमपी की टीम को मंजूरी मिल गई है.
जब्त किया गया सोना
दरअसल DRI (Directorate of Revenue Intelligence) के इंदौर जोनल यूनिट के अफसरों को सूचना मिली थी कि एक कार में सोने की तस्करी (gold smuggling) की जा रही है. 24 मई को भोपाल और इंदौर जोनल यूनिट के अधिकारियों ने गाड़ी की तलाश की. गाड़ी को सागर से पहले टीम ने खोज निकाला. इसमें से 7.8 किलो सोना मिला. साथ ही तीन लोग पकड़े गए. इसके बाद इनका एक और साथी पकड़ में आया. चारों ने दुर्ग के प्रकाश सांखला का नाम बताया.
प्रकाश सांखला और उनका भतीजा हिरासत में
25 मई को DRI रायपुर की टीम ने प्रकाश सांखला के घर पर रेड मारी. जहां से टीम को 1.5 किलो सोना और 64.85 लाख रुपये नकद बरामद हुए. डीआरआई की टीम ने प्रकाश सांखला और उनके भतीजे को हिरासत में लेकर पूछताछ की. DRI की टीम ने सराफा कारोबारी से पूछताछ में अपना जुर्म कबूल किया है. जिसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया.
घटना में इस्तेमाल की गई कार
प्रकाश सांखला की अहम भूमिका
DRI की टीम को जानाकरी लगी कि सोने को छत्तीसगढ़ से MP भेजने में सराफा कारोबारी प्रकाश सांखला की अहम भूमिका है. सागर में पहले ही टीम 7.8 किलो सोना पकड़ चुकी थी. जो करीब 4 करोड़ का विदेशी सोना है. इसे गलत तरीके से कस्टम डिपार्टमेंट की निगाहों से बचाकर भारत लाया गया था.
सागर के बड़े व्यापारी का नाम आ रहा सामने
छत्तीसगढ़ के रास्ते बुंदेलखंड में सोने की तस्करी होने की सूचना अफसरों को लगातार मिल रही थी. जिसके बाद DRI की तीन सदस्यीय टीम सागर पहुंची. टीम ने गौरझामर से चितौरा तक हाईवे पर वाहनों की चेकिंग की. चेकिंग के दौरान कार की स्टेपनी की जगह पर छिपाकर रखा गया सोना मिला. सागर में पकड़ी गई सोने की खेप सागर के बड़ा बाजार में एक कारोबारी की दुकान पर पहुंचाया जाना था. मामले में बड़ा बाजार के बड़े कारोबारी का नाम सामने आ रहा है. हालांकि मामले में DRI भोपाल की टीम जांच कर रही है.