छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने 5 आयोगों के नव नियुक्त अध्यक्षों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है. इसमें किरणमयी नायक, महंत रामसुंदर दास, महेंद्र छाबड़ा, थानेश्वर साहू और गुरप्रीत सिंह बाबर शामिल का नाम शामिल है.

रायपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) : छत्तीसगढ़ सरकार ने 5 आयोगों के नव नियुक्त अध्यक्षों को कैबिनेट में मंत्री का दर्जा दिया है. इसमें राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक, राज्य गौसेवा आयोग ने अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र छाबड़ा, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू और राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबर शामिल हैं.

Government of Chhattisgarh gave the status of Minister in the Cabinet to 5 Commission Presidents

छत्तीसगढ़ सरकार ने 5 आयोग अध्यक्षों को मंत्रिमंडल में दिया मंत्री का दर्जा

बता दें कि छत्तीसगढ़ में राज्य स्थापना के बाद से पहली बार आयोग के अध्यक्षों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है. साथ ही 15 जुलाई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 संसदीय सचिवों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी. संसदीय सचिव की नियुक्ति में भाजपा के बड़े नेताओं को हराने वाले विधायकों को प्राथमिकता दी गई थी. सिर्फ दो विधायकों चिंतामणि महाराज और पारसनाथ राजवाड़े को छोड़कर बाकी पहली बार विधायक बने हैं.

संसदीय सचिव बनाए गए विधायकों में रायपुर संभाग के 5, सरगुजा के 4 , दुर्ग के 3 , बस्तर के 2 और बिलासपुर का 1 विधायक शामिल हैं. संसदीय सचिव बनाकर युवाओं को मौका देने के साथ मंत्रिमंडल में आए क्षेत्रीय असंतुलन को साधने की कोशिश की गई है. 14 विधायकों वाले सरगुजा से 3 मंत्री हैं. यहां से 4 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया है. रायपुर संभाग की 20 में से 14 सीट कांग्रेस के पास है. यहां से एक मंत्री और एक विधानसभा उपाध्यक्ष है. अब 2 संसदीय सचिव बने हैं.

बिलासपुर संभाग की 23 सीटों में से 12 पर कांग्रेस है. विधानसभा अध्यक्ष और 2 मंत्री यहां से हैं. बिलासपुर को केवल एक संसदीय सचिव मिला है. वहीं 20 में से 17 सीट वाले दुर्ग में सीएम समेत 6 मंत्री हैं. अब 3 संसदीय सचिव भी बना दिए गए हैं.