रायपुर (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) :– त्योहारी सीजन और ठंड में यह उम्मीद जताई जा रही थी कि संक्रमण के मामले एकाएक बढ़ेंगे. लेकिन अभी तक ऐसा नहीं है. अभी धीरे-धीरे मामले बढ़ने शुरू हुए हैं. जांच के हिसाब से संक्रमण की स्थिति 6.6 फीसदी है. इन सब के बीच राहत की बात ये है कि मरीजों के इलाज के लिए प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों और कोविड-19 केयर सेंटर में 14 हजार से ज्यादा बेड खाली हैं. यही नहीं अंबेडकर अस्पताल जैसे बड़े अस्पतालों में भी अभी आधे से ज्यादा बेड खाली हैं. वहीं आईसीयू में मरीज बढ़ रहे हैं, लेकिन वेंटिलेटर की कमी अभी तक नहीं आ रही है. हालांकि गौर करने वाली बात ये भी है कि अब जो मरीज आ रहे हैं उन्हें बहुत जल्द ही आईसीयू की जरूरत पड़ रही है.
अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या
दिवाली के बाद 2 दिन में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में मामूली इजाफा हुआ था. उसके आधार पर कोरोना वायरस की लहर होने का दावा किया जाने लगा. यहां तक कि मध्यप्रदेश और गुजरात की तर्ज पर सीमित लॉकडाउन और बाहर से आने वालों की जांच को लेकर भी दावे किए गए.
2 हजार के आसपास रहा संक्रमितों का आंकड़ा
प्रदेश में बीते शुक्रवार को 27 हजार 624 से ज्यादा टेस्टिंग की गई. लेकिन केवल 1 हजार 842 लोग ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए. लेकिन शनिवार को एक बार फिर मामले में बढ़ोतरी देखने को मिली. शनिवार को कोरोना के करीब 2 हजार 200 मामले सामने आए. यह औसत केवल 6.6% है. प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा भी पूरे नवंबर में 2 हजार के आस-पास ही रहा है.
एम्स में 500 बेड की व्यवस्था
वर्तमान में एम्स और अंबेडकर अस्पताल में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए 500-500 बेड की व्यवस्था की गई है. इनमें से एम्स में कोरोना संक्रमितों की संख्या 200 के करीब है और अंबेडकर अस्पताल में 100 के करीब. दोनों अस्पताल में वर्तमान में कोविड-19 में गंभीर मरीजों की संख्या ज्यादा है. हालांकि यहां वेंटिलेटर की जरूरत वाले मरीजों की संख्या कम है.
कोविड केयर सेंटर बंद
बीच में संक्रमित मरीजों की संख्या कुछ कम होने की वजह से वीआईपी रोड स्थित अग्रसेन धाम में खोले गए कोविड-19 केयर सेंटर को भी पिछले दिनों बंद कर दिया गया है. लगातार कम हो रहे मरीजों की संख्या से जो सरकारी अस्पताल, प्राइवेट अस्पताल और कोविड-19 केयर सेंटर प्रशासन के पास मौजूद थे, वह इन मरीजों के लिए पर्याप्त है. इसलिए कोविड केयर सेंटर्स को बंद कर दिया गया है.