कोरोना काल मे संक्रमितों की सेवा के लिए नौकरी दी ,अब जॉब से निकाला

दंतेवाड़ा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):- नक्सल प्रभावित क्षेत्र में युवा बेरोजगारों को रोजगार (employment) देने के नाम पर बड़ा छलावा किया गया है. कुछ ही दिन पहले कोविड काल में 18 युवा बेरोजगारों को कोविड संक्रमित मरीजों (covid infected patients) की देख-रेख के लिए आपदा मोचन निधि (disaster response fund) के मद से भर्ती किया, अब उन्हें नौकरी से निकाल दिया (fired from the job) गया.

संक्रमितों की सेवा के लिए नौकरी दी, अब निकाल दी

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (Chief Medical and Health Officer) ने आदेश (Order) जारी कर के 2 सितंबर को बिना किसी पूर्व सूचना (prior notification) नौकरी से निकाल दिया. स्वास्थ्य विभाग (health Department) के इस अचानक कार्रवाई (sudden action) से युवा सकते में हैं और उनके बीच भारी आक्रोश व्याप्त है.

कोविड संक्रमण के दौरान जिम्मेदारी पर तैनात किए गए सभी युवाओं ने अपने कर्तव्य (Duty) का बखूबी निर्वहन किया. खुद की जान जोखिम (life risk) में डाल कर नक्सल प्रभावित (naxal affected) इलाकों में गए और ड्यूटी निभाई. अब जबकि कोरोना काल (corona period) के तीसरी लहर (third wave) की सुगबुगाहट पूरे देश में है. इन परिस्थितियों में इन युवाओं को नौकरी से हटाने का नोटिस थमा दिया गया है.

सरकार के आदेशों का खुला उल्लंघन

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने कोरोना काल की विषम परिस्थितियों (unforeseen circumstances) में अपनी सेवा देने वाले युवाओं को नौकरी से नहीं हटाने का आदेश जारी किया था. बावजूद, इन 18 युवाओं को नौकरी से हटाने का फरमान (decree) जारी कर दिया गया है. रोजगार विहीन हो चुके इन युवाओं का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग (health Department) ने सरकार के आदेशों को पांव तले रौंदा. पूजा नाग,अंजलि सलाम, ललिता नाग स्टॉफ नर्स (staff nurse) ने बताया कि हमने जरूरी लोन (Loan) ले रखा है.

अब अस्तित्व के लिए खड़ा हो गया है संकट

किसी तरह से उसकी किश्तें चुका रहे थे. नौकरी से असमय निकालने की वजह से उनके पास सामने अस्तित्व के लिए संकट (Difficulty) खड़ा हो गया है. आपदा (Disaster) के समय कोविड ड्यूटी (covid duty) में अपनी जान जोखिम में डालकर हमने सेवाएं दीं और बदले में सरकार ने नौकरी से हटाने का पुरस्कार (Prize) दे दिया. सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बेरोजगारों को रोजगार देने की बात कहती है. फिर हम बेरोजगारों को नौकरी से हटा दिया जाना किस प्रकार का रोजगार मुहैया कराना है? इन 18 बेरोजगारों ने कलेक्टर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा (memorandum submitted) लेकिन यहां भी इन्हें निराशा ही हाथ लगी.