राजनांदगांव (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : कोरोना वायरस ने इस बार शरद पूर्णिमा पर भी ग्रहण लगा दिया है. जिससे बर्फानी धाम आश्रम में इस बार शरद पूर्णिमा के अवसर पर जड़ी-बूटी युक्त खीर प्रसादी का वितरण नहीं किया जाएगा. हर साल श्वास, दमा व अस्थमा पीड़ितों को जड़ी-बूटी युक्त खीर प्रसाद का वितरण किया जाता था.
इससे पहले लगभग 50 हजार तक श्रद्धालु हर साल शरद पूर्णिमा के दिन यहां आते थे और खीर का प्रसाद ग्रहण करते थे, लेकिन कोरोना वायरस के कारण 21 सालों से चली आ रही परंपरा पर ब्रेक लग गया है. इस बार श्रद्धालुओं को शरद पूर्णिमा की खीर का प्रसाद नहीं मिल पाएगा.
मानव सेवा एवं जनकल्याण के लिए अंचल सहित देशभर में पहचान बना चुकी बर्फानी सेवाश्रम समिति 22वें वर्ष कोरोना वायरस के चलते इस बार शरद पूर्णिमा महोत्सव के दिन 30 अक्टूबर शुक्रवार को श्वास, दमा व अस्थमा पीड़ितों को जड़ी-बूटी युक्त खीर प्रसाद का वितरण नहीं करेगी.
जड़ी बूटी वाली खीर खाने हर साल आते थे हजारों पीड़ित
संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ‘गन्नू’ ने बताया कि संस्था द्वारा पिछले 21 वर्षों से संस्था के आशीर्वादक श्री बर्फानी दादा जी के मार्गदर्शन में पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्वास, दमा व अस्थमा पीड़ितों को नि:शुल्क जड़ी- बूटी युक्त खीर प्रसाद का वितरण बर्फानी आश्रम स्थित मां पाताल भैरवी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दस महाविद्या द्वादश ज्योर्तिलिंग शिव शक्ति सिद्धपीठ में आयोजित किया जाता था. जिसमें अंचल सहित देश के विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में पीड़ितजन आते थे. उन्होंने कहा कि इस साल 30 अक्टूबर शुक्रवार यानि आज पड़ने वाली शरद पूर्णिमा के अवसर पर कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुए किसी भी तरह का आयोजन नहीं किया जा रहा है.
ताकि न फैले संक्रमण
सदस्यगणों ने अपने विचार रखते हुए एक मत से कहा कि जनमानस को सुरक्षित रखने की दृष्टिकोण से यह कदम उठाया जा रहा है. क्योंकि 30 हजार से अधिक पीड़ितजनों का इसमें समावेश रहता है और यह वायरस श्वास, दमा और अस्थमा वालों को ज्यादा प्रभावित करता है. जिसके कारण इस बार शरद पूर्णिमा महोत्सव का वृहद आयोजन नहीं किया जा रहा है.