कोरबा : हिट एंड रन का नया कानून.. क्या हुए हैं नए कानून में संसोधन… अधिवक्ता एस. एस. भारती ने विस्तार से बताया.. बोले- घबराना नहीं है.

कोरबा/कटघोरा 4 जनवरी 2023 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : हिट एंड रन कानून में संसोधन के बारे में कटघोरा व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता शिव शकंर भारती ने वीडियो जारी कर विस्तार से बताया है। उन्होंने हिट एंड रन के नए कानून पर बनी भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि धबराएं नहीं, हादसे की सूचना देने पर कार्रवाई नहीं होगी। पुलिस, मजिस्ट्रेट या कंट्रोल रूम में सूचना दे सकते हैं तो उसे न तो जेल जाना पड़ेगा और न ही जुर्माना देना पड़ेगा।

अधिवक्ता श्री भारती ने बताया कि पहले हादसे के बाद वाहन चालक पर आईपीसी की धारा 304 (ए) के तहत कार्रवाई होती थी। इसके तहत हादसे में यदि किसी की मौत हो जाती है तो चालक को दो साल की सजा व जुर्माने की सजा थी। नए कानून में धारा 304 (ए) को 106(1) व 106(2) में तब्दील कर दिया गया है। आईपीसी की धारा 106(1) के तहत यदि कोई दुर्घटना करता है तो उसे पांच साल जेल और जुर्माने का प्रावधान है। वहीं आईपीसी की धारा 106(2) के तहत यदि दुर्घटना की सूचना नहीं देता है तो उसे 10 साल की कैद और मजिस्ट्रेट द्वारा अधिकतम 50 हज़ार तक के जुर्माने की सजा देने का प्रावधान है। आईपीसी 106(2) में यह राहत भी दी गई है कि दुर्घटना के बाद यदि इसकी सूचना स्थानीय पुलिस, मजिस्ट्रेट को देता है तो यह धारा उस पर लागू नहीं होगी। इससे उसे न तो जेल जाना पड़ेगा और न ही जुर्माना भरना पड़ेगा।

घटनास्थल से दूर जाकर पुलिस को दें सूचना

एडव्होकेट श्री भारती के अनुसार हादसे के बाद चालक को स्थानीय लोगों से जान का भी खतरा रहता है। ऐसे में चालक घटनास्थल से दूर जाकर पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना दे सकता है। उसकी शिकायत कंट्रोल रूम में रजिस्टर्ड हो जाएगी। इसके बाद चालक अपने रूट पर मौजूद थाने जाकर वाहन खड़ा कर प्रभारी को घटना से अवगत करा सकता है। इसके बाद थाना प्रभारी 41 (ए) का फार्म भरा उसे छोड़ देगा।
आईपीसी की धारा 106(2) के अनुसार यदि चालक या परिचालक की लापरवाही से किसी की मौत हो जाती है और उसकी सूचना पुलिस या मजिस्ट्रेट को नहीं देता है तो उसे 10 साल का कारावास और जुर्माने का प्रावधान है। सूचना देने वाले पर यह धारा लागू नहीं होगी। ऐसे में चालक घटनास्थल से आगे बढ़कर निकटतम किसी भी पुलिस स्टेशन में गाड़ी खड़ी कर सकता है। सूचना देने पर घायल व्यक्ति को मदद जल्दी मिल जाएगी और वह बच जाएगा।

अधिवक्ता शिव शंकर भारती ने ड्राइवर व वाहन चालको से अपील की है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह हिट एंड रन पर नया कानून लाया गया है लेकिन यह अभी लागू नही किया गया है। ऐसे में वाहन चालकों द्वारा हड़ताल करना पूर्णतः निरर्थक है और उन्होंने अफवाहों से दूर रहकर अपने वाहन का सुरक्षित परिचालन करने की बात कही।