कोरबा (कोरबा सेंट्रल छत्तीसगढ़)अंकित सिंह:- कटघोरा वन मंडल के बांकीमोंगरा वन क्षेत्र में प्रतिबंध अवधि होने के बावजूद 550 बांस के वृक्षों की कटाई कराने के मामले से सुर्खियों में आए रेंजर मृत्युंजय शर्मा के घोटालों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। इनका ताजातरीन घोटाला सामने आया है जिसमें 1 करोड़ 38 लाख के पौधे लगाए बिना ही राशि का आहरण कर लिया गया। पौधे अगर लगाए भी गए तो वे 10 प्रतिशत से भी कम संख्या में जीवित बचे हैं और रोपण असफल है।
बता दें कि ग्रीन इंडिया वन प्रबंधन समिति के द्वारा ग्रीन इंडिया मिशन के तहत पाली वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्रीन इंडिया मिशन वन प्रबंधन समितियों को आबंटित कक्षों में यह कार्य कराना था और तत्कालीन सचिव ग्रीन इंडिया मिशन परिक्षेत्र पाली रेंजर मृत्युंजय शर्मा के द्वारा गुणवत्ताहीन कार्य कराए जाने के साथ ही कार्य किए बगैर ही राशि आहरित किया गया। उस समय शर्मा पाली के डिप्टी रेंजर थे और वर्तमान में चैतमा के रेंजर हैं ।
जांच रिपोर्ट में पाया गया कि ग्रीन इंडिया वन प्रबंधन समिति चनवारीपारा, कर्रानवापारा कर्रा परसापानी में रोपण कार्य बताया गया है, किन्तु क्षेत्र में पौधे जीवित नहीं है। पौधों का जीवित प्रतिशत 10 प्रतिशत से भी कम है। प्लांटेशन जनरल एवं माप पुस्तिका तत्कालीन सचिव ग्रीन इंडिया मिशन मृत्युंजय शर्मा द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया, रोपण असफल है।
ग्रीन इंडिया मिशन परिक्षेत्र पाली, वनमंडल कटघोरा के 7 ग्रीन इंडिया मिशन वन प्रबंधन समितियों को आबंटित कक्ष क्रमांकों में कराए गए कार्य के लिए भारित राशि रुपए 4 करोड़ 51 लाख 40 हजार 54 रुपए में से राशि 1 करोड़ 38 लाख 14 हजार 503 रुपए अमान्य करने योग्य है।
जांच में पाया गया कि 4 करोड़ 51 लाख 40 हजार 54 रुपये के बताए गए कार्य में मौके पर 2 करोड़ 63 लाख 8 हजार 857 रुपये का कार्य भौतिक सत्यापित पाया गया। इस तरह 1 करोड़ 38 लाख से अधिक राशि का भुगतान कराए गए कार्य के एवज में ले लिया गया। जांच समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने इस मामले में 1 करोड़ 38 लाख 14 हजार 503 रुपए रेंजर मृत्युंजय शर्मा से वसूल करने एवं उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की अनुशंसा की है।