कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : कोरोना प्रोटोकॉल के बीच शहर में गिने-चुने स्थानों पर ही रावण दहन कर दशहरा का पर्व मनाया गया. बीते सालों में जहां रावण का पुतला 60 से 70 फीट का हुआ करता था, इस साल महज 10 फीट का ही बनाया गया. शहर के निहारिका स्थित दशहरा मैदान में समिति के सीमित सदस्यों की मौजूदगी में रावण दहन कर त्योहार की औपचारिकताओं को पूरा किया गया. इस साल प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर 25 और 26 अक्टूबर दोनों ही दिन दशहरा मनाया गया.
कोरबा में रावण दहन
प्रशासन के कड़े निर्देशों के कारण जिले में लाल मैदान और एनटीपीसी जैसे फेमस रावण दहन किए जाने वाली जगहों पर भी रावण दहन कार्यक्रम पूरी तरह कैंसल कर दिया गया था, जबकि पुराना बस स्टैंड और निहारिका के दशहरा मैदान में 10 फीट के रावण का पुतला बनाकर दहन किया गया. प्रशासन के निर्देशों के मुताबिक, यहां समिति के केवल 50 सदस्यों को ही मौजूद रहने की इजाजत थी. दर्शक मैदान के बाहर से रावण दहन को देखते रहे.
रामलीला के राम और लक्ष्मण
निहारिका के दशहरा मैदान में रावण दहन के कार्यक्रम में महापौर राजकिशोर प्रसाद शामिल रहे. उनके साथ सभापति श्यामसुंदर सोनी भी रावण दहन करने पहुंचे थे. महापौर ने कहा कि इस साल कोरोना के कारण त्योहारों की रौनक फीकी जरूर पड़ी है, लेकिन विजयादशमी का पर्व असत्य पर सत्य की जीत का संदेश देता रहेगा. पिछले साल और उसके पहले भी दूर-दूर से लोग दशहरा मैदान में रावण दहन का कार्यक्रम देखने आया करते थे. इस वर्ष मैदान खाली है. समिति के सदस्यों ने इसका लाइव प्रसारण भी किया, ताकि जिलेवासी रावण दहन का कार्यक्रम कम से कम टीवी पर ही देख सकें.