कोरबा : महिला समूह को जगह आबंटन पर कलेक्टर के निर्देश को पशु चिकित्सा अधिकारी ने मानने से किया इंकार.. कहा कलेक्टर कौन होते हैं इस पर निर्णय लेने वाले.. तहसीलदार को भी लौटाया खाली हांथ.

कोरबा/कटघोरा 5 जनवरी 2022 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : छत्तीसगढ़ के व्यंजनों को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार विभिन्न क्षेत्रों में गढ़ कलेवा की योजना पर काम कर रही है लेकिन कटघोरा में इस योजना के क्रियान्वयन से जुड़ी महिलाओं के एक समूह को अब तक उचित विकल्प की तलाश नहीं हो सकी है। कई बार प्रशासन को जानकारी में लाए जाने पर भी प्रशासन उन्हें समुचित स्थान उपलब्ध नहीं करा सका है । इस वजह से महिलाओं को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

श्रीया महिला स्व सहायता समूह द्वारा जगह आबंटन को लेकर जिला कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुए कटघोरा के न्यू बस स्टैंड समीप पशु चिकित्सालय में आधे हिस्से को चिन्हांकित करते हुए अपने संबंधित विभाग के उच्च अधिकारी को निर्देशित करते हुए उक्त स्थान को आबंटित करने निर्देशित किया गया था लेकिन यहां पर पदस्थ पशु चिकित्सा अधिकारी की मनमानी के आगे यह स्थान को आबंटित किये जाने को लेकर अधिकारी द्वारा गलत जानकारी देकर उच्च अधिकारियों को भ्रमित किया जा रहा है। जिस पर श्रीया महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष नीलम सोनी अपनी महिला समूह के साथ मंगलवार को कलेक्टर जनदर्शन में पुनः जाकर अपनी वस्तु स्थिति से कलेक्टर संजीव झा को अवगक्त कराया कि उनके निर्देश के बावजूद उक्त पशु चिकित्सा अधिकारी उन्हें वह स्थान नही दे रहा है।

कटघोरा की श्रीया स्वसहायता समूह के सदस्यों ने गढ़कलेवा संचालन के लिए भवन उपलब्ध कराने की मांग कलेक्टर से की। उन्होंने यात्री प्रतीक्षालय कटघोरा के सामने पुराने पशु चिकित्सालय में रिक्त शासकीय भवन को गढ़कलेवा संचालन के लिए आबंटित करने का निवेदन किया। कलेक्टर ने आवेदन पर संज्ञान लेते हुए उपरोक्त शासकीय भवन के एक भाग को महिला समूह को गढ़कलेवा संचालन के लिए आबंटित करवाने के निर्देश अपर कलेक्टर को मौके पर ही दिए। अपर कलेक्टर विजेंद्र पाटले द्वारा कटघोरा तहसीलदार के के लहरे को निर्देशित करते हुए पुराने पशु चिकित्सालय के उपरोक्त शासकीय भवन को हैंडओवर कराने के कहा था।

लेकिन कटघोरा तहसीलदार द्वारा आज जब श्रीया महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों को लेकर पशु चिकित्सालय भवन पहुंचे तो वहां उपस्थित चिकित्सा अधिकारी ने तहसीलदार की बातों को नकारते हुए कहा कि इस भवन के आबंटन पर कलेक्टर का कोई अधिकार नही है वो कौन होते हैं इस जगह का आबंटन करने वाले। और भवन की चाबी देने से साफ इंकार कर दिया। चिकित्सा अधिकारी की बातों को सुनकर तहसीलदार व समूह की महिलाएं वहां से वापस आ गए और अपने उच्च अधिकारियों को इससे अवगत कराया।

छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार एक ओर जहां महिला समूह को महत्वाकांक्षी योजना के तहत स्वावलंबी बनाने की कोशिश कर रही है वहीं कटघोरा की श्रीया महिला समूह को जिला कलेक्टर के निर्देश होने के बावजूद उनको मायूसी हांथ लग रही है। अब श्रीया महिला समूह जिले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रवास के दौरान उनसे मिलकर अपनी इस गढ़ कलेवा की योजना में आने वाली समस्या से अवगत कराने का निर्णय ले लिया है। अब देखने वाली बात होगी कि कलेक्टर के निर्देश का पालन न करने वाले पशु शिकित्सा अधिकारी पर क्या कार्यवाही होती है…