कोरबा/कटघोरा 3 सितंबर 2023 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला ऊर्जा नगरी के नाम से जाना जाता है यही वजह है कि कोरबा जिले की उत्पादित बिजली से छत्तीसगढ़ राज्य ही नहीं अपितु मध्य प्रदेश, झारखंड, उड़ीसा, महारष्ट्र, गुजरात भी रोशन है। लेकिन कोरबा जिला ही बिजली की समस्या से सबसे ज्यादा जूझ रहा है ये कहावत यहां बिल्कुल सत्य साबित होती नजर आ रही है जिसमे कहा गया है कि “दिया तले अंधेरा ” इस जिले में कटघोरा ब्लॉक, पोंडी उपरोडा ब्लॉक सहित पाली ब्लॉक सबसे ज्यादा प्रभावित है यहां आए दिन किसी भी समय चाहे दिन हो या रात, एक दिन कई बार बिजली बन्द हो जाती है। इससे आम नागरिक बहुत परेशान हैं। लोग कहते हैं कि, राज्य सरकार बिजली बिल हाफ करने की बात करती है, लेकिन विभाग बिजली ही आधा देने लगी है। अघोषित बिजली कटौती और बार – बार मेंटनेंस के नाम पर बिजली गुल करने पर कटघोरा, सुतर्रा, लखनपुर, रामपुर, तानाखार, सहित वनांचल क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से सबसे ज्यादा लोग परेशान हैं। शहरी क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत ग्रामीणों का आरोप है कि, जब से कांग्रेस की सरकार बनी है तब से ही बिजली कटौती की जा रही है। प्रदेश सरकार की बिजली बिल हाफ़ वाले वादे की जगह बिजली ही हाफ़ कर दी गई है।
क्षेत्र में पिछले कई महीने बिजली के आंख मिचौली व कटौती से अंचलवासी परेशान व त्रस्त हो गए हैं। उनका कहना है कि छग में बिजली सरप्लस है उसके बाद भी कटौती क्यों। वहीं क्षेत्र में पिछले तीन चार माह से बिजली की आंख मिचौली बनी हुई है। वहीं असमय विद्युत कटौती भी एक समस्या बनी हुई है। वर्तमान समय में सबसे ज्यादा परेशानियां बिजली के असमय कटौती व बंद से हो रही है। एक निश्चित समय पर कटौती को समझा जा सकता है पर किसी भी समय लंबे समय तक बिजली बंद होना समझ से परे है।
अंधेरे में जहरीले जीव का डर
कोरबा जिला कृषि व वनांचल बाहुल्य क्षेत्र है और पिछले कई वर्षों से वनांचल क्षेत्रों के कृषक गांवों को छोड़कर मुख्य मार्ग पर अपने खेतों में घर बनाकर रहने लगे हैं जिसके कारण बरसात के दिनों व लाइन बंद होने से जहरीले सर्फ, बिच्छू का डर हमेशा बना रहता है। वहीं बारिश के समाप्त होते ही उमस व गर्मी से लोग त्रस्त है। इन कारणों से क्षेत्र में बिजली आवश्यक है। पर बिजली विभाग का कोई निश्चित समय नहीं है। क्षेत्र में किसी भी समय लम्बे घंटो तक बिजली बंद रहती है।
कार्यालय में एक ही जवाब
इस संबंध में स्थानीय बिजली विभाग के अधिकारियों के9 फोन लगाने पर फोन रिसीव नही किया जाता या फिर कार्यालय से संपर्क करने पर एक ही रटा रटाया जवाब मिलता है कि उपर से लाइन बंद है। वहीं दूसरी ओर लोकल स्तर पर गावं में लाइन को सुधारने में दो से तीन दिनों का समय लग जाता है। यहां स्टॉफ की समस्या भी बनी हुई है। बिजली विभाग की लापरवाही का नतीजा आम लोगो को भगतना पद रहा है।
विधानसभा चुनाव में जवाब देने की बात कर रही क्षेत्र की परेशान जनता
विद्युत की जारी आंख मिचौली से जिले के नगरीय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक के लोग परेशान नजर आ रहे हैं। बिजली की जारी आंख मिचौली के खेल से उनमें फैल रही नाराजगी विद्युत विभाग को कोसने में जा रही है। बीती रात जमकर बिजली की आँखी मिचौली देखने को मिली , इस दौरान लोगों की रात जागते हुए कटी। शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण क्षेत्र यहां के नाराज़ लोगों का गुस्सा इस तरह फुट रहा है कि लोगो मे अब यह भी चर्चा हो रही है कि विधानसभा चुनाव बिल्कुल नजदीक है बिजली बिल आधा करने की बात करने वाली सरकार को इस बार अच्छे से जवाब देंगे। बतादें की निश्चित तौर पर लोगों में बिजली विभाग के अधिकारियों से लेकर छत्तीसगढ़ की सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश देखने को मिल रहा है।