कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : अभी कुछ वर्ष पूर्व ही केंद्र के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के सुचारू रूप से क्रियान्यवन के लिए आवास मित्रों की नियुक्ति की गई थी। आवास मित्रों की नियुक्ति से ग्रामीण आवासों की हर स्तर पर मानिटरिंग व हितग्राहियों के कागजात इक्कट्ठा करने से लेकर उनके आवास का जियो टैगिंग कार्य व बैंक संबंधी प्रक्रिया सुचारू व निर्बाध गति से होता था। जिससे हितग्राहियों की भी पूरी मदद हो जाती थी। यहां पर यह कहना उचित होगा कि आवास मित्र हितग्राही व सरकार के बीच की कड़ी थे और वे समन्वय का कार्य करते थे। परंतु 31 अगस्त 2019 से सभी आवास मित्रों को घर में बैठा दिया गया। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा आवास बजट की राशि में कटौती किए जाने की बात प्रदेश सरकार सरकार द्वारा बताया गया।
आवास मित्रों को पद से पृथक करने के 2 वर्षों बाद भी इनका पिछला बकाया का भुगतान नहीं किया गया है। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस ( इंटक ) के पाली तानाखार विधानसभा अध्यक्ष अंकित पाल के नेतृत्व में जनपद पंचायत पोंडी उपरोड़ा के सीईओ ओ.पी. शर्मा को ज्ञापन सौपा और बताया कि पद से पृथक होने के बाद इनके सामने अब जीवकोपार्जन की समस्या खड़ी हो गई है। आवास मित्रों का कहना है कि बस यही कह कहकर प्रशासन पिछले 2 वर्षों से दिलासा दे रही है।आवास मित्रों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि उनका पिछला बकाया, मानदेय राशि का भुगतान अतिशीघ्र की जाए। अगर जिला प्रशासन आवास मित्रों का बकाया मानदेय भुगतान जल्द से जल्द नही करता है। तो सभी आवास मित्र उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे।