कोरबा/पाली तानाखार 25 अगस्त 2023 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : अनुसूचित जनजाति बाहुल्य पौड़ी उपरोड़ा ब्लॉक और पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र में भले ही तस्वीर कुछ अलग समझ में आती हो लेकिन पूर्व विधायक रामदयाल ने इतना तो जरूर दिखा दिया है कि उनके वर्चस्व में कोई कमी नहीं आई है। ठोस जनआधार कि बातें करने वाली गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और कांग्रेस विचारधारा का समर्थन करने वाले 7600 कार्यकर्ताओं को भारतीय जनता पार्टी में शामिल करा लेना उनकी रणनीतिक कौशल को स्पष्ट कर गया। इसकी चर्चा हर कहीं हो रही है।
भारतीय जनता पार्टी के द्वारा विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन रिकॉर्ड सफलता के साथ संपन्न हो गया जो पाली में आयोजित किया गया था। इसमे पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के अलावा अनेक नेता शामिल हुए। विधानसभा क्षेत्र से इस चुनाव में पार्टी की टिकट के लिए दावेदारी करने वाले कई चेहरे यहां पर देखे गए और इस बारे में अलग-अलग चर्चाएं होती रही लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा पूरे इलाके में इस बात को लेकर जारी है कि हजारों की संख्या में कार्यकर्ता को अपनी पार्टी में जोड़ना हैरान करने वाला कदम रहा। दूसरे खेमे में सेंध लगाकर रामदयाल उइके ने साबित कर दिया। अपने राजनीतिक गुरु से उन्होंने जो दांवपेंच सीखे, उनका पार पाना सम्भव नही। पाली के इस राजनीतिक कार्यक्रम में भले ही किन्हीं कारण से उइके का जिक्र करने को लेकर नेताओं ने अपने आप को दूर रखा और समन्वय बनाने पर ज्यादा ध्यान दिया लेकिन नए पुराने कार्यकर्ताओं ने इस बात को केवल महसूस ही नहीं किया बल्कि पूरे मन से विश्वास भी कर लिया कि इलाके में उन्हें कमजोर आंकना भाजपा के लिए बड़ी भूल हो सकती है।
कार्यकर्ता सम्मेलन में स्वागत सत्कार से लेकर यहां वहां की बातें और संकल्प दोहराए जाने के बीच सवाल यही खड़ा हुआ है कि आखिर पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी किस चेहरे को अपना प्रत्याशी घोषित करती हैं। स्वाभाविक रूप से पूर्व वर्षों में पार्टी की ओर से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके रामदयाल उइके दावेदार है। उन्होंने इसका सामान्य उदाहरण भी पेश कर दिया है। वे टिकट के लिये लगे हुए है। इस दिशा में कोशिश भी जारी है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो निःसंदेह पाली तानाखार से उइके ही भाजपा का चेहरा होंगे। वज़ह यह है कि पार्टी यहां की स्थिति से अवगत है। विश्लेषक मानते है कि गैर जरूरी दवाब में संगठन किसी और के प्रति उदारता दिखाता है तो यह सीट उसके लिए सपना बन सकती है।
दूसरे चेहरे पर नजर
सूत्र बताते है कि भाजपा संगठन के कई लोग जिला पंचायत के एक सदस्य के परिजन को लेकर कुछ ज्यादा ही प्यार दिखा रहे हैं। उसकी ओर से दावेदारी करने के संकेत मिल रहे हैं लेकिन जनाधार के स्तर पर जमीन बहुत ज्यादा मजबूत नहीं है। इसकी जानकारी भी पूर्व विधायक और संगठन के द्वारा छत्तीसगढ़ में चुनाव शंखनाद की शुरुआत करने वाले पाली के कार्यकर्ता सम्मेलन के मुख्य सूत्रधार उईके को भलीभांति है। इसलिए वे भी अपने पत्ते छिपाए हुए है। हो सकता है समय के साथ इनकी काट भी खोज ली जाए।