कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : सप्ताहभर पहले तक प्रति ट्रैक्टर 1500 रुपए घर पहुंचाकर देते थे, वह अब 2 हजार तक हो गया है। नदी-नालों में अवैध खनन पर भी जिम्मेदार विभाग रोक लगा नहीं पा रहे हैं। हसदेव नदी पर बांगो से लेकर फरसवानी, चिचोली तक अलग-अलग रेत घाट है। बागो में रेत घाट से चोरी हो रही है। यहां पर भंडारण का लाइसेंस मिला है, जहां रेत की रोजाना मात्रा बढ़ रही है। इसके बाद भी खनिज विभाग सत्यापन नहीं करता है। इसका तस्कर फायदा उठा रहे हैं। इसके अलावा अहिरन नदी, सोन नदी, खोलार नदी, लीलगर नदी के साथ ही कई बड़े नाले हैं, जहां से रेत चोरी हो रही है।
24 घंटे दौड़ रहे मिनी ट्रक, टास्क फोर्स उड़न छू
शहर में 24 घंटे मिनी ट्रक दौड़ते देखे जा सकते हैं, लेकिन उन पर भी अंकुश नहीं लगाया जा रहा है। शहर के भीतर पहले ट्रैक्टर में ही रेत का परिवहन हो रहा था। लेकिन कुछ दिनों से छह छक्का मिनी ट्रक से रेत परिवहन किया जा रहा है। उस पर भी रोक नहीं लग पा रही है। तेज रफ्तार वाहन होने के बाद भी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। यही नहीं कई बार तो रेत निकालने के लिए एनीकट का पानी भी छुड़वा देते हैं। इस पर भी कार्रवाई नहीं होती। अवैध खनिज खनन और परिवहन रोकने जिले में टास्क फोर्स है, लेकिन कार्रवाई नजर नहीं आती।
16 घाट खुलने हैं पर बारिश के बाद, तब तक महंगी कीमत पर खरीदी
रेत घाट की कमी दूर करने की कवायद भी ऐसी, कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही। नए घाट नहीं खुलने के कारण ही रेत की किल्लत लगातार बढ़ती जा रही है। खनिज विभाग ने जिले में 24 स्थानों पर रेत घाट के लिए स्थल चयनित किया हुआ है। उधर पर्यावरण स्वीकृति के साथ पंचायतों की रुचि नहीं लेने के करण 12 घाट ही चालू हो पाए। अभी 16 और रेत घाट शुरू किया जाना है। लेकिन यह अब बारिश के बाद ही संभव हो पाएगा और तब तक लोगों को महंगी कीमत में रेत खरीदना पड़ेगा।
रेत भंडारण क सत्यापन करा रहे हैं: नायक
इस मामले में जिला खनिज अधिकारी प्रमोद कुमार नायक का कहना है कि एनजीटी के आदेश के अनुसार रेत घाट बंद है। अब अक्टूबर में ही खुलेंगे। जहां तक रेत भंडारण का सवाल है उसका सत्यापन कराया जा रहा है। अधिक मात्रा पाए जाने पर कार्रवाई होगी। अवैध भंडारण के खिलाफ भी कार्रवाई करने कहा गया है।