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कोरबा ( सेन्ट्रल छतीसगढ़ ) : बच्चे अपने देश का भविष्य होते हैं। किसी भी देश के विकास के लिए बच्चों का विकास बहुत जरूरी है। ऐसे में समाज और देश की जिम्मेदारी है कि बच्चों को रहने योग्य बेहतर माहौल और अच्छी शिक्षा दी जाए। इन्हीं भावी प्रतिभाओं के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए भारत हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस के तौर पर मनाता है। बाल दिवस बच्चो का राष्ट्रीय पर्व है। इस पर्व की कोई राष्ट्रीय छुट्टी नहीं होती। लेकिन इसे देशभर में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस मौके पर बच्चों को खास महसूस कराया जाता है। स्कूल-काॅलेजों में बच्चों के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है। बच्चे भी इन कार्यक्रमों में शामिल होते हैं और बाल दिवस को अपने जन्मदिन की तरह मनाते हैं। बाल दिवस को लेकर जितना उत्साह बच्चों में होता है, उतना ही इसका महत्व देश दुनिया में भी है। त्रिलोकी स्कूल में बाल दिवस मनाया गया कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती मोना ठाकुर ने पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के छायाचित्र में माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया। विद्यार्थियों के मनोरंजन के लिए सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाओं द्वारा विभिन्न नृत्य,कविता एवं भाषण प्रस्तुत किए। जिससे विद्यार्थियों शिक्षकों के द्वारा प्रस्तुत किए गए सामूहिक नृत्य ने सबका मन मोह लिया।
इस मौके पर प्राचार्य श्रीमती मोना ठाकुर ने कहा कि बाल दिवस पर मेले का आयोजन बच्चों की प्रतिभा को निखारने का काम करता है. साथ ही उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करता है। उन्होंने बताया कि ऐसे आयोजन से बच्चों में शिक्षा की प्रवृति बढती है बच्चे इस दिन को यादगार बनाने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं और कई गतिविधियों में भी शामिल होते हैं.
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