कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़): साईबर ठगों द्वारा कोरोना टीकाकरण को भी अब ठगी का साधन बनाया जा रहा है. कोरोना टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर लोगों से व्यक्तिगत जानकारी पूछकर उनके खातों से बड़ी रकमें उड़ाई जा रही है. हाल में ही ऐसी घटना जिले में एसईसीएल में कार्यरत कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ घटित हुई है कोरोना टीकाकरण के नाम पर साईबर ठगी कर लोगों के खातों से पैसे उड़ाने की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक मीणा ने जिले की साइबर सेल को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्होने आमजनों से भी यह अपील की है की कोरोना टीकाकरण के पंजीयन के लिए अज्ञात नंबरो से आए फर्जी लिंक, काॅल प्राप्त होने पर आमजन भी व्यक्तिगत सर्तकता रखें. किसी भी परिस्थिति में अपनी व्यक्तिगत जानकारी शेयर ना करें. कोरबा पुलिस द्वारा इस संबंध में एडवाईजरी भी जारी की गई है. साइबर ठगी होने पर तत्काल पुलिस द्वारा जारी साइबर सेल नंबर 98271-50803 या 87707-27143 पर सूचित किया जा सकता है.
पुलिस द्वारा जारी एडवाईजरी के अनुसार किसी भी अनजान व्यक्ति को फोन पर बैंक खाता संबंधी एवं व्यक्तिगत जानकारी न देवें. मोबाइल टाॅवर लगाने, क्योस्क सेंटर खोलने सहित अन्य के नाम से आने वाले फोन काॅल या विज्ञापन से सावधान रहें और किसी भी अनजान व्यक्ति के खाते में पैसे न डालें. फेसबुक, व्हाॅट्सएप्प या अन्य मैसेंजर पर कोई परिचित या दोस्त पैसे की डिमांड करे तो बिना जांचे या काॅल किए पैसे ने भेजें। फेसबुक का पासवर्ड स्ट्रांग बनाए, जिसमें अल्फाबेट, कोई संख्या और कोई स्पेशल कैरेक्टर शामिल होने चाहिए, ना कि अपना नाम, मोबाइल नंबर, जन्म तिथि व सरल भाषा में ना हो. कोई भी कस्टमर केयर नंबर गूगल से लेने की बजाए ओरिजनल वेबसाइट से हासिल करें. कस्टमर केयर नंबर हमेशा 1800 से ही शुरू होता है ना कि किसी मोबाइल नंबर से, हो सके तो किसी भी वेबसाइट के यूआरएल को सीधे टाइप कर उपयोग करें. अनजान नंबर और कंपनी के नाम से भेजे गए मैसेज में लुभावने ऑफर की लिंक को क्लिक करने से बचें. अच्छा होगा की देखने के बाद डिलीट भी कर देवें. प्रोमोकार्ड, रिवार्ड पाॅइंट, कैश बैक के लालच में ना आएं. लाॅटरी लगने के नाम से आए हुए व्हाॅट्सएप्प, मोबाइल काॅल से सावधान रहें. ओएलएक्स ऐप्प में खरीदी-बिक्री करते समय सावधानी रखें, अच्छी तरह से जांच करने के बाद ही खरीदी-बिक्री करें। ऑनलाइन मनी ट्रांसफर साइट जैसे एयरटेल मनी, भीम एप्प, मोबीक्विक, उबर, चिलर, फोन पे, गूगल पे, पेटीएम में अनजान लिंक को क्लिक करने से बचें. ठग आपके खाते में रिवाॅर्ड (बोनस) पैसा वापस करने के नाम से एक लिंक भेजते हैं जिस पर क्ल्कि करते ही आपके खाते से पैसा निकल जाएगा.
पुलिस ने चेताया है कि सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाॅट्स एप्प में कम कीमत बिक्री के पोस्ट पर भरोसा ना करें. मोबाइल एप्लीकेशन जैसे एनीडिस्क, क्विक सपोर्ट, टीम व्यूवर का यूजर आईडी और पासवर्ड किसी भी अनजान व्यक्ति को न दें और किसी के कहने पर डाउनलोड भी न करें, इससे आपके मोबाइल का कंट्रोल ठग के पास चला जाएगा और आप ठगी का शिकार हो जाएंगे. मोबाइल पर आए अनजान लिंक में अपने बैंक खातेे की जानकारी जैसे ओटीपी, सीवीवी, पिन, यूपीआई, एटीएम कार्ड की डिटेल साझा न करें. साइबर ठग रजिस्ट्रेशन के नाम पर एक छोटी राशि जमा करने का लालच देकर आपके बैंक डिटेल की जानकारी हासिल कर सकते हैं. अपने क्रेडिट तथा डेबिट कार्ड अपने सामने ही स्वाइप कराएं. किसी अनजान व्यक्ति से एटीएम से रकम निकालने में मदद ने लें और नही उसे अपना एटीएम कार्ड दें. इससे कोई आपके कार्ड की क्लोनिंग या कार्ड भी बदल सकता है.