कोरबा/कटघोरा 4 जनवरी 2022 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : कोरबा जिले में ठंड का प्रकोप जनवरी माह के शुरुआत से एकाएक बढ़ गया है। 3 जनवरी मंगलवार व आज बुधवार को सुबह से ही कोहरा छाया रहा और पूरे दिन सूर्य के भी दर्शन नहीं हुए इस दौरान गलन अपने चरम पर रही। इसके चलते लोग घरों में दुबके रहे। ग्रामीण क्षेत्रों में दिनभर सड़क व चोक चौराहे ठंड के चलते सूने देखे गए यही नहीं। जिले के उपनगरीय क्षेत्र कटघोरा में शासकीय मुख्यालयों व पूरे नगर में गलन भरे दिन व सर्द हवाओं की वजह से सुनसान नजर आया।
मंगलवार को हल्की गुनगुनी धूप होने के बाद बुधवार को अचानक मौसम का मिजाज बदल गया सुबह घने कोहरे व धुंध के बीच ठंड ने हाड़ कपाने वाली गलन व कड़ाके की ठंड के चलते लोग घरों में दुबके ही रहे। दिनभर सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए। तापमान में आई तेजी से गिरावट के चलते गलन और ठंड बढ़ गई है। बीते दिसंबर माह के शुरुआती दिनों में तेज धूप होने से लोग अनुमान लगा रहे थे कि इस साल कम ठंड पड़ेगी लेकिन दिसंबर महीना के अंत व जनवरी में ठंड ने पूरी तरह से दस्तक दे दी है। कड़ाके की ठंड बच्चों बुजुर्गों व बीमार लोगों पर भारी पड़ रही है वहीं झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों पर भी ठंड कहर बरपा रहा है। लकड़ी नहीं मिलने से ठंड भगाने के लिए लोग जगह-जगह टायर या प्लास्टिक के पॉलिथीन को जलाकर ठंड दूर भगा रहे हैं।
वहीं घरों में लोग ठंड से बचने के लिए रूम हिटर, ब्लोअर व आग जला रहे हैं। ठंड के चलते पशु-पक्षी भी बेहाल है, ठंड बढ़ने से दिहाड़ी मजदूरों के सामने दिक्कते है काम नहीं मिलने से गांव से शहर आकर वह घर लौटने को मजबूर हैं। बुधवार को पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे और सूर्यदेव के दर्शन भी नहीं हुए। ठंड के चलते जरूरी काम होने पर ही घर से लोग निकले।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बढ़ी बिक्री
ठंड बढ़ने के साथ है इलेक्ट्रॉनिक दुकानों पर भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बिक्री भी बढ़ गई है। ठंड से बचने के लिए लोग हीटर, ब्लोवर सहित अन्य उपकरण खरीद रहे हैं। वहीं नहाने के लिए पानी गरम करने वाला विद्युत राड व गीजर की खरीदारी कर रहे हैं।
शहर में नहीं जल रहा अलाव
कड़ाके की ठंड के बावजूद भी शहर के प्रमुख चौक चौराहे पर अलाव का इंतजाम नहीं किया गया है। जिससे लोग परेशान हाल हैं। कुछ स्थानों पर लोग निजी व्यवस्था से लकड़ी का जुटाकर आग के सहारे ठंड दूर कर रहे हैं। नगर पालिका द्वारा शहर में कड़ाके की ठंड के बावजूद भी अलाव का इंतजाम नहीं किए जाने पर लोग जिम्मेदारों को कोस रहे हैं।