कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : कोरबा जिले में 2500 आंगनबाड़ी केंद्रों में ताले लटक लटक रहे हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं का एक संगठन पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहा है। अब दूसरे संगठन ने भी नौ फरवरी से अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठ चुका है है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं के दो संगठनों के हड़ताल पर चले जाने से महिला बाल विकास विभाग की सारी गतिविधियां कोरबा जिले में ठप हो गई हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश व्यापी आह्वान पर कटघोरा व पोंडी उपरोडा के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ भी नौ फरवरी से आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन बंद कर दिया है जिला, परियोजना और ब्लाक स्तर पर धरना, प्रदर्शन कर रहें हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं का एक संगठन पहले से ही कोरबा के घन्टा घर के पास धरना प्रदर्शन कर रहा है। इस संगठन के आंदोलन से कई आंगनबाड़ी केंद्रों में ताले लग चुके हैं।छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किये गए वादे को लेकर शासन स्तर से अभी तक मांगों को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका नौ फरवरी से केंद्रों का संचालन बंद कर धरना करने मजबूर है। इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शासकीय कर्मचारी घोषित नहीं होने तक भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन 18 हजार तथा सहायिका को नौ हजार प्रतिमाह भुगतान करने सहित 6 सूत्रीय मांग रखी गई है। पोषण ट्रैकर में कार्य करने हेतु एंड्रॉयड फोन, सिम, इंटरनेट खर्च की राशि का भुगतान करने की भी मांग की गई है। अगर मांगे पूरी नही होती है तो 3 मार्च को पूरे प्रदेश के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका विधानसभा भवन का घेराव करेंगी।
बाईट : अंजनी पटेल ( संयुक्त महामंत्री, आंगनबाड़ी संघ कोरबा )