कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : –खनिज संपदा के अनुचित दोहन से हो रही राजस्व की हानि को लेकर प्रदेश की भूपेश सरकार ने रेत सहित गौण खनिज के अवैध खनन और परिवहन पर सख्ती से कार्यवाही के निर्देश को जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा त्वरित अमल में लाते हुए रेत खुदाई और परिवहन में लगी उन तमाम वाहनों पर दनादन कार्रवाई की जा रही है जिनमे रायल्टी का भुगतान नही करना पाया जा रहा। किंतु गेवरा से पेंड्रा तक रेल कॉरिडोर के निर्माण कार्य में ठेकेदारों द्वारा अवैध तौर- तरीको अपनाकर राजस्व व वनभूमि से जमकर मिट्टी- मुरुम का खनन कर उक्त निर्माण में बेड तैयार करते हुए शासन को लाखों की राजस्व क्षति पहुँचाई जा रही है। जिसे लेकर जिला प्रशासन, खनिज, राजस्व, पुलिस व वन विभाग सभी मौन साधे बैठे है। ठेकेदारों द्वारा चाकाबुड़ा, डोंगरी, राल, सिंघिया, बिंझरा, पसान, बैरा, साडामार, पुटी पखना, कूटेसर नगोई, बरतराई क्षेत्र में अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है। जहां के भोले- भाले ग्रामीण किसानों को दारू- मुर्गा का लालच देकर तथा एक खेत से खनन रायल्टी आदेश की आड़ में अन्य खेतों व जमीन से मिट्टी- मुरुम की जमकर खुदाई कर निर्माणाधीन रेल लाइन में बिछाने का काम पिछले कई महीने से चल रहा है। इस दौरान अनगिनत बबुल, पलास, महुआ, कोशम सहित अन्य हरे- भरे पेड़ो को धराशाई कर जमीदोज किया जा चुका है। लेकिन जिला प्रशासन या प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नही किया जाना ठेकेदार को मौन सहमति दिया जाने जैसा प्रतीत होता है।
दिन के अलावा रात में भी अवैध उत्खनन जोरो से जारी
रेल लाईन बिछाने के कार्य में संबंधित रेलवे के ठेकेदार द्वारा ग्राम राल पंचायत में राजस्व एवं वनभूमि से दिन के अलावा रात्रि में भी अवैध मिट्टी- मुरूम का खनन धड़ल्ले से करते हुए रायल्टी चोरी किया जा रहा है। किंतु जिला प्रशासन व उनके अधीनस्थ संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों ने किसी भी प्रकार के कार्रवाई की दिलचस्पी अब तक नही दिखाई है। जिसके कारण ठेकेदार के हौसले बुलंद है और छत्तीसगढ़ शासन के फैसले को ठेंगा दिखाते हुए अवैध खनन व रायल्टी चोरी को दिन- रात अंजाम देने में लगा है।
वनभूमि व पीएमजीएसवाई सड़क को पहुँचाया जा रहा भारी नुकसान
ठेकेदार ने ग्राम पंचायत राल, सिंघिया, बिंझरा, सुतर्रा, पसान, कुटेसर नगोई, बरतराई, पसान के नारंगी जंगल के अंदर दर्जनों कीमती हरे- भरे पेड़ो को धराशायी कर अनेक मार्गों का निर्माण कर लिया गया है। जिसका उपयोग भारी भरकम मशीनों व ट्रकों को लाने ले जाने में किया जा रहा है। जंगलों के बीच अवैध रास्तों के निर्माण की वजह से पेड़- पौधों के साथ पर्यावरण को भी भारी नुकसान हो रहा है। वही पीएमजीएसवाई के तहत निर्मित सड़को पर भी ओवरलोड वाहनों को दिन- रात दौड़ाया जा रहा है जिससे रोड के भी परखच्चे उड़ने लगे है। जिस पर भी किसी प्रकार की रोक नही है।
खनिज रायल्टी चोरी करते हुए शासन निर्देश को खुली चुनौती
गांव के भोले- भाले गरीब किसानों को ठेकेदार द्वारा चंद पैसो का लालच देकर उनके खेतों से बड़े पैमाने पर अनुचित रूप से मिट्टी- मुरूम निकाली जा रही है। जिससे किसानों के खेत बिगड़ने के साथ ही शासन को राजस्व की भारी क्षति हो रही है। जबकि नियमानुसार अग्रिम रायल्टी दस दिनों के अंदर जमा करने व रायल्टी का तीस प्रतिशत डीएमएफ राशि में जमा करने, निकासी का हिसाब रखने तथा जांच के दौरान मांग किए जाने पर अभिलेख प्रस्तुत करने सहित अन्य नियमों व शर्तो का खनिज विभाग द्वारा दिए गए आदेश में उल्लेख किया जाता है। जहां ठेकेदार द्वारा उस एक आदेश की आड़ में अनेक किसानों के खेतों से मिट्टी- मुरूम निकाल रहे जैन। बेतहाशा मिट्टी खनन से क्षेत्र में बड़े बड़े गड्ढे हो गए है जोकि बारिश में किसानों को परेशानियों का सामना करना लाज़मीं है। ठेकेदारों द्वारा राजस्व चोरी की करते हुए सरकार के निर्देश को खुला चुनौती दिया जा रहा है।